क्या मेरी कोई अहमियत नहीं? – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” मम्मी….आपके घर में रहने के लिये मुझे थोड़ी जगह मिलेगी?” रोते हुए छवि अपनी माँ प्रेमलता से पूछने लगी।    ” ये तू क्या कह रही है छवि!…शशांक जी कोई बाता-बाती हुई है क्या या फिर बच्चों से…।”    ” सबसे…आप मना कर देंगी तो मैं कहीं और…।” बात अधूरी रह गई और छवि ज़ोर-ज़ोर से … Read more

पापा कब आओगे? – गीता वाधवानी   : Moral stories in hindi

एक खूबसूरत शहर चंडीगढ़ ,चार लोगों का सुंदर, सुखी , हंसता खेलता मध्यम वर्गीय परिवार। पति सुबोध, पत्नी मीना, 6 वर्षीय पुत्री ख्याति और 4 वर्षीय पुत्र यश।  सुबोध की किरयाने की छोटी सी दुकान थी घर के बाहर वाले कमरे में और उसकी पत्नी मीना घर संभालती थी। जब सुबोध दुकान के लिए सामान … Read more

अहमियत – मनीषा सिंह  : Moral stories in hindi

नैना आज बहुत खुश थी! क्योंकि कल अमेरिका से उसके पिताजी के  खास दोस्त जो आने वाले थे। घर में उनके आने की पूरी तैयारी जोर-शोर से हो रही थी!” रमेश जी जो नैना के पिता थे उन्होंने अपनी पत्नी रमाजी से कहा अजी सुनती हो! अजीत को छोले भटूरे बहुत पसंद है कल का … Read more

एक अजनबी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

विवाह के तीन चार साल हो गये थे। विश्विद्यालय की परीक्षा में हिन्दी साहित्य के लिए स्वर्ण पदक विजेता स्वाति चाह कर भी घर गृहस्थी के अलावा कुछ नहीं सोच पा रही थी। कभी लिखना, पढ़ना, गुनगुनाना यही जिंदगी थी उसकी। हिन्दी साहित्य से जुड़ी कोई भी प्रतियोगिता आयोजित होती थी,  महाविद्यालय या विश्विद्यालय की … Read more

अहमियत – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

अनुपमा आज एकदम से बिफर पड़ी पति और बेटे पर आखिर तुम लोगों ने मुझे समझ क्या रखा है घर की फुल टाइम नौकरानी हूं ,सबकी जरूरतों का ख्याल रखने वाली आया ,या बस घर में सबको सब चीजें समय से उपलब्ध कराने वाली एक नौकर । उसके मन में जो आ रहा था बस … Read more

अहमियत किसकी – रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

प्रभा जी ने कमर में खोंसी हुई.. चाबी का गुच्छा निकाला… भंडार घर खोलकर… श्वेता को आवाज़ लगाई…” लो जी कहां है बर्तन… किस में डालूं चावल… ऐसा नहीं होता कि बर्तन लेकर आए… फरमाइश चला दी.. की अम्मा दाल चावल निकाल दीजिए… सर पर निकालूं क्या…!”  तभी श्वेता भागती हुई… दो बर्तन लेकर… भंडार … Read more

रिश्तों की अहमियत – गौरी भारद्वाज: Moral stories in hindi

 प्रीति का  सिर दर्द से फटा जा रहा था और आंखें रो-रो कर लाल हो चुकी थी। पर उसकी पड़ी किसे थी? सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे। जेठ जेठानी, ननद ननदोई सब अपने अपने घर जाने की तैयारी कर रहे थे।  “तुम्हें तो मेरे माता पिता की सेवा के लिए लाया गया है, उससे … Read more

अपनी अहमियत – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

आज से मैं भी कुछ नहीं बोलूंगी सुबह से हर किसी से पूछते रहो क्या खाना बनाएं क्या नाश्ता करोगे क्या सब्जी खाना है स्कूल में क्या किया ऑफिस में क्या हुआ ….. पर क्या मजाल जो कोई ढंग का जवाब मिल जाए ..!! एक तो खुद अपने आप कोई कुछ बताता ही नहीं और … Read more

जब जागो तभी सवेरा – शिव कुमारी शुक्ल : Moral stories in hindi

दादी अम्मा आ गईं दादी अम्मा आगईं  की आवाज सुन कर शुभा अपने कमरे से बाहर सिर पर पल्ला रखते हुए आई और उसने सास-ससुर के पैर छुए। दोनों बच्चे दादा-दादी से लिपट कर खुश हो रहे थे। शुभा अम्मा का पर्स उनके हाथ से लेकर बोली आइए। वे अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गए। … Read more

एक बेजुबान की अहमियत – हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

मम्मी.. दिला दो ना प्लीज… हां मम्मी… प्लीज दिला दो ना.. मम्मी.. पक्का प्रॉमिस.. आज के बाद हम आपसे कुछ भी नहीं मांगेंगे,.. प्लीज.. हमें दिला दो ना..! कह दिया ना एक बार… नहीं.. तो मतलब नहीं… बस  फालतू चीज  नहीं! मम्मी.. बेटी सोनू और बेटे मोनू जो अभी 8-10 वर्ष के थे, की जिद … Read more

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