माँ बनी शेरनी – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi
सुबह-सुबह दरवाज़े की घंटी बजी तो मनोरमा जी ने सोचा कि चंपा आई होगी…उसके आने का यही तो टाइम है,यही सोचकर उन्होंने दरवाज़ा खोला तो अपनी बेटी श्रेया को देखकर खुश हो गई।कुछ कहती इससे पहले श्रेया माँ के गले लगकर रोने लगी। छह बरस पहले श्रेया का विवाह सिद्धार्थ के साथ हुआ था जो … Read more