अहमियत रिश्तों की (भाग-3) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे … कविता बाऊजी के कमरे में आई है … बाऊजी आप भईया  को पढ़ने क्यों नहीं भेज देते…. तू भी अपने भाइयों की तरह  अलग ही बोल रही छोरी…. तू तो नेक समझदारी से काम ले … दीनानाथजी  सख्त लहजे में बोले… बाऊजी जरा मेरी बात ठंडे दिमाग से सुनो… कविता ने दीनानाथ … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-2) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

बाऊजी.. सुनियो… धीरे से, पीछे से धक्का देते हुए मंझले  बेटे मिंटू ने पिंटू भाई साहब को आगे की ओर किया …. क्या कर रहा हैं… आगे गिरायेगा क्या बाऊ जी के उपर मुझे… भाई साहब … आप ही बड़े हैं … आप ही पहल कीजिए … पीछे से रिंकु के फुस्फुसाने  की आवाज आई … Read more

अहमियत रिश्तों की (भाग-1) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

कहां मर गए सबके सब….?? ओ रे.. पिंटू  मिंटू रिंकु… कोई ना दिख  रहा… आज दशहरा है… ये  ना बच्चों को ले जाएके दशहरा को  मेला दिखाए  लाये…. खुद से ही बड़बड़ाते हुए दीनानाथजी बरामदे में चकरघिन्नी से घूम रहे थे…. ए जी… क्या हुआ ….?? काहे बड़बड़ा रहे हो अकेले में …. जब से … Read more

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