दायित्व या त्याग – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
जज अंकल …आप तो मुझे ही मम्मी पापा से अलग कर दीजिए ..मेरा मतलब तलाक दे दीजिए …ये क्या है ना , मम्मी अलग मुझे समझाती रहती हैं कि …जब जज साहब पूछे किसके साथ रहना है तो मैं उनका नाम लूं… और पापा अलग समझाते हैं कि मैं उनका नाम लूं…. मैं तो रोज-रोज … Read more