दायित्व या त्याग – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

  जज अंकल …आप तो मुझे ही मम्मी पापा से अलग कर दीजिए ..मेरा मतलब तलाक दे दीजिए …ये क्या है ना , मम्मी अलग मुझे समझाती रहती हैं कि …जब जज साहब पूछे किसके साथ रहना है तो मैं उनका नाम लूं… और पापा अलग समझाते हैं कि मैं उनका नाम लूं…. मैं तो रोज-रोज … Read more

क्या कमी है तुम्हारे ससुराल में – पूजा शर्मा   : Moral stories in hindi

भगवान का दिया क्या नहीं है नीति के पास ससुराल में, नहीं है तो संतुष्टि। कितना प्यार करने वाले सास ससुर ख्याल रखने वाला पति निलेश और दो प्यारे से बच्चे अरु और सार्थक, अरु यूकेजी में पढ़ती है और सार्थक अभी ढाई साल का ही है। उसके ससुर प्राइमरी स्कूल मैं टीचर थे जो … Read more

एकल परिवार का दायित्व – अमिता कुचया   : Moral stories in hindi

आज भी अंशू के सामने निया और निमित्त जिद करते तो उसे गुस्सा आता, कितना भी मन का बनाओ तब पर भी बच्चों का मन नहीं भरता !रोज नये डिश की फरमाइश होती।सुबह नाश्ता फिर दोपहर का लंच , फिर शाम को स्नैक्स की डिमांड और उसके  बाद ये भी पूछा जाता कि रात के … Read more

मेरी भी कुछ अहमियत है या नहीं – ऋतु अग्रवाल   : Moral stories in hindi

   ” मोहित कहाँ हो बेटा? उठो, स्कूल नहीं जाना है क्या?जल्दी से तैयार हो जाओ। फिर मुझे भी दफ्तर जाना है।”मंजरी ने अपने आठ वर्षीय बेटे मोहित की चादर खींची तो कुनमुना कर आँख मसलते हुए मोहित उठ तो गया पर अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ।        “क्या बात है? उठो, फटाफट!”बिस्तर समेटते … Read more

पापा कब आओगे? (अंतिम भाग )   : Moral stories in hindi

डॉक्टर साहब ने कहा डर वाली कोई बात नहीं है। शिव ने डॉक्टर से पूछ कर उस आदमी की नाई को बुलाकर शेव बनवा दी। अब वह बिल्कुल पहचान में आ रहा था। हां, यह सुबोध ही तो है। शिव की आंखों से आंसू बह चले। बालों को हाथ नहीं लगाया जा सकता था क्योंकि … Read more

एक दूजे के लिए – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

अन्वी आज सबसे दूर भाग जाना चाहती थी। जिन परिवार वालों के लिए उसने अपना सब कुछ लगा दिया आज उन्होंने ही उसको पराया बना दिया। वक्त के साथ खून के रिश्तों पर भी किस कदर बर्फ जम जाती है ये उसको महसूस तो होना शुरू हो गया था पर आज अपनी आंखों से देख … Read more

अहमियत – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral stories in hindi

वैशाली दिन रात भाग-भाग कर सबकी मदद में लगी रहती थी लेकिन घरवालों को ना उसके काम की कोई कदर थी ना ही उसकी कोई अहमियत। घर के लोगों को ऐसा लगता था एक गृहिणी होने के नाते ये सारे कामकाज करना तो वैशाली का फर्ज है। वह किसी पर कोई अहसान नहीं कर रही … Read more

सोया जमीर – शिव कुमारी शुक्ला    : Moral stories in hindi

आज सुबह मेघा की आँख देर से खुली कारण रात उसे नींद नहीं आई थी सो सुबह के समय आँख लग गई जैसे ही वह कमरे से बाहर आई उसकी सास सुधा जी चिल्ला रहीं थीं । महारानी अभी तक  सो रही हैं। आज चाय मिलने का  भी ठिकाना नहीं है। कब से इन्तजार कर … Read more

गुड फॉर नथिंग – श्वेता अग्रवाल : Moral stories in hindi

निधि आज बहुत ज्यादा खुश थी और खुश होती भी क्यों नहीं,उसकी प्यारी ननद मीनल जो उसके पास रहने आ रही थी। वह सुबह से ही उसके पसंद के पकवानों को बनाने में लगी हुई थी।तभी अचानक डोरबेल बजने लगी। “अरे! इस वक्त कौन आ गया?” सोचते हुए अपने आटा सने हाथों से निधि ने … Read more

पापा कब आओगे? (भाग-2)   : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा।चार लोगों का सुखी परिवार था सुबोध मीना, ख्याति और यश। सुबोध का एक दोस्त था शिव जिसका विवाह नीरू से होने वाला था। एक दिन अचानक सुबोध ना जाने कहां गायब हो जाता है मीना और बच्चे परेशान हैं। अब आगे  दोपहर में शिव आया। ख्याति उसकी टांगों से लिपट गई … Read more

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