मुहँ ना खुलवाओ – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 नमस्ते आंटी….. पौधों में पानी डाल रही है…..?? हां बेटा पर तुम कब आई ससुराल से गिन्नी…..?? तुम्हारी मम्मी ने बताया नहीं कि तुम आने वाली हो…. आओ अंदर बैठते हैं…! पाइप पौधों के बीच में रखते हुए आभा ने कहा….! हां आंटी वो अचानक ही प्रोग्राम बन गया…तो बस आ गई….।      गिन्नी आभा के … Read more

मेरी पहचान – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर सुश्री राधिका श्रीवास्तव ने दो सौ और पाँच सौ मीटर की रेस जीतकर देश में अपना परचम लहराया है।” अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर रखी गई प्रतियोगिता में श्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में राधिका को सम्मानित किया जा रहा था। “राधिका ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के मौके … Read more

लाल गाड़ी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मीना के घर किट्टी थी, गपशप के बाद तम्बोला खेल शुरु ही हुआ था अचानक लीना राधिका से पूछ बैठी         “क्या बात है राधिका, आजकल भाईसाहब देर रात, एक लाल गाड़ी से आते है, सब ठीक है ना,” लीना के होठों पे रहस्यमयी मुस्कान देख, राधिका चिढ़ गई।      किट्टी पार्टी का शोर ये सुन कर … Read more

रिश्तों के बीच कलह क्यों? – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” मंजू…सुबह-सुबह ये क्या महाभारत लगा रखा है?” किचन से शोर सुनकर कृष्णकांत जी ने अपनी बेटी से पूछा।    ” कुछ नहीं पापा…मैंने रचना से कहा कि भिंडी की सब्ज़ी सूखी बनाना..पापा जी को रसेदार सब्ज़ी पसंद नहीं है..इसी बात पर मुझसे बहस करने लगी।” मंजू के कहते ही रचना बोली,” इसमें बहस की क्या … Read more

एक साड़ी ही तो है! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

 “अपनी सास के सामने कैंची की तरह जुबान चलाए जा रही है, हिम्मत तो देखो इस लड़की की । दादी सास का भी लिहाज़ नहीं है।” कहते हुए कामिनी  जी अपनी बहू रिया को सुना सुना कर कोसे जा रही हैं “आने दो सुनील  को। सब बातें बताउंगी उसे।  उसे  भी तो पता चले तुम्हारा … Read more

घर में शांति होनी चाहिए । – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“नीलेश तुम सुबह खाने का डिब्बा घर पर ही भुल गये, अब मै कितना याद रखूं? खाना बनाकर देती हूं, वही काफी है, घर देखूं, बच्चे देखूं, या तुम्हें देखूं, मेरी तो जिन्दगी ही चकरघिन्नी हो गई है, पता नहीं मैंने तुमसे शादी ही क्यों की ? मेरी तो जिन्दगी ही नरक हो गई है, … Read more

अशांत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“दीदी अब मुझसे नहीं होगा… तुम्हें आना ही पड़ेगा…!” ” पर आकाश… मैं कैसे आऊंगी… दोनों बच्चों का क्या करूं… कहां छोड़ूं… कुछ तो सोचो…!” ” यही सब सोच सोच कर तो… इतने दिनों से अकेला सब झेल रहा हूं… पर अब नहीं… मुझे भी अपना घर देखना है… दो महीने हो गए… अस्पताल के … Read more

अशांति – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

दुल्हन बनी रचना सज संवरकर बैठी थी और 7 वर्षीय रोहन उसकी गोद में बैठा कभी उसकी चुनरी से खेल रहा था तो कभी कंगनों पर हाथ फेर रहा था। उसके हर्ष का पारावार नहीं था। उसके पापा उसके लिए प्यारी सी मांँ जो ले आए थे। माँ के प्यार को तरसता रोहन आनंद के … Read more

अशांति – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह के छह बज रहे थे रुक्मिणी को पाँच बजे ही चाय पीने की आदत थी। उन्होंने आवाज़ दी कि बहू चाय बनाएगी क्या? उनकी पुकार सुनते ही सौरभ की नींद भी खुल गई थी । पास में ही सो रही रम्या बड़बड़ाते हुए उठी कि दो मिनट रुक नहीं सकतीं हैं चाय चाय की … Read more

लक्ष्मी नहीं गृह लक्ष्मी – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

 ” अरे समधी जी,आप आज अचानक से यहां!! सब खैरियत तो है??” विजय जी हाथ जोड़कर खड़े हो गए। चेहरे पर मुस्कान थी लेकिन मन आशंकाओं से घिरा था।  ऊपर से तो खुश दिखाई दे रहे थे लेकिन मन की अशांति उनके माथे पर पसीने की बूंद के रूप में उभर आई थी।  ” क्यों … Read more

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