अपने घर से मायका बन जाने का सफर भाग 3   – संगीता अग्रवाल 

” मम्मी मैं भी तो तरस रही थी अब जल्दी से बढ़िया सा कुछ खिलाओ इतने मैं हाथ मुंह धोकर ये बैग के कपड़े अपनी अलमारी मे लगा कर आती हूँ !” रितिका ये बोलते हुए अपने कमरे की तरफ चल दी।  थोड़ी देर बाद उसने अपनी पसंद का नाश्ता किया और माँ से बाते … Read more

अपने घर से मायका बन जाने का सफर भाग 2  – संगीता अग्रवाल 

बेटी को विदा कर कामिनी जी और सुधीर जी बिलख पड़े रो तो भाई आदित्य भी रहा था पर उसे मम्मी पापा को भी तो संभालना था। बहन की विदाई बाद एकदम से समझदार और जिम्मेदार जो हो गया था। उधर रितिका के ससुराल पहुँचते ही वहाँ खुशी का मौहौल हो गया। कितनी अजीब है … Read more

अपने घर से मायका बन जाने का सफर – संगीता अग्रवाल 

दुल्हन के जोड़े मे सजी रितिका विदाई से पहले अपने पूरे घर को बड़ी हसरत से निहार रही थी। वो घर जो कुछ देर बाद ही उसे छोड़ कर जाना है। अचानक उसकी निगाह हलवाइयों का हिसाब निमटाते पिता पर गई एक दिन मे ही कितनी मायूसी छा गई उनके चेहरे पर अपनी लाडो को … Read more

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