अनजाने रास्ते (भाग-11) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बीतते समय के साथ वैदेही की प्रेगनेन्सी को लेकर यूनिवर्सिटी कैम्पस में तरह तरह की चर्चाएँ होने लगीं। साथी लेक्चरार और रीडर्स की तिरस्कार भरी बींधती निगाहें और व्यंग्यात्मक परिहास वैदेही का कलेजा छलनी कर जाते । छात्र छात्राएँ उसे मुड़ मुड़ कर देखते और मुँह फेर कर हँसते। परन्तु … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-10) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अयान के जाने के बाद वैदेही बिलकुल टूट गई। बार बार उसकी आँखों के सामने वही दृश्य घूम जाता, अस्तव्यस्त हालत में अयान और नजमा…नजमा का बेशर्मी से हँसना, उसकी अलमारी के बिखरे कपड़े…। वह डिपार्टमेंट क्लास लेने जाती और घर वापस आकर चुपचाप बिना खाये पिये पड़ जाती। डिपार्टमेंट … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-9) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : फिर उसका ध्यान वैदेही पर गया। वह नीलिमा जी से पूछ रही थी, “आपने वसु की कोई तस्वीर बाहर क्यों नहीं रखी है? दराज़ में, अल्बम में क्यों ?” “बेटा, कुहू की वजह से…वह इतनी छोटी है कि वह अपनी माँ को देखने और मिलने के लिए ज़िद करेगी…अभी उसको … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-8) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घर की बालकनी में सूरज रोज़ हाज़िरी बजा रहा था और चाँद भी गाहे बगाहे वैदेही का हाल चाल लेने आ जाया करता था। ख़ाला की बेटी नजमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एम.ए. पॉलिटिकल साइंस में प्रवेश ले लिया और वह अक्सर सप्ताहांत पर अयान और वैदेही के घर आ … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-7) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : लगभग दस बाद अयान वह ख़ुशख़बरी लेकर आया जिसका वैदेही को बेसब्री से इंतज़ार था। ख़ाला के देवर ने दिल्ली से बुलावा भेजा था। वैदेही दिल्ली जाने की तैयारियों में जी जान से जुट गई। अयान की अम्मी इस बात से दुखी थीं कि वैदेही के कारण अयान को भी … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-6) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वैदेही ने जब घर का दरवाज़ा खटखटाया तो एक बूढ़े व्यक्ति ने दरवाज़ा खोला और काँपती सी रूखी आवाज़ में पूछा, “कहो, किससे मिलना है ?” “जी, वो….वो अयान यहीं रहते हैं क्या…अयान मलिक” “हाँ, यहीं रहत हैं…तनिक ठहरो हम बुलात हैं” बूढ़े ने कहा और भीतर चला गया। पलक … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-5) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घर से बाहर क़दम रखते हुए वह एक पल को ठिठकी। इस घर में बिताए बाइस वर्ष उस एक पल में सिमट गये। उसकी सारी आकांक्षाएँ, इच्छाएँ पलक झपकते ही पूरी करते पापा, लाड़ दुलार से पापा के कंधों पर झूलती वो, उसकी चोटी खींचकर चिढ़ाते अमित भैया, उसके छुपने … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-4) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रक्षाबंधन का दिन था। अमित भैया ने पापा के समक्ष अपनी लाडली बहन को फ़िल्म दिखाने का प्रस्ताव रखा और बोले, “पापा, आज मैं और वैदेही फ़िल्म देख आते हैं और डिनर भी बाहर करके लौटेंगे” वैदेही का मुरझाया चेहरा देखकर पापा ने सहर्ष अनुमति दे दी।पिक्चर हॉल में पहुँचने … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-3) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कितना सुखी व समृद्ध बचपन मिला था उसे । पिता लखनऊ में सार्वजनिक निर्माण विभाग में इंजीनियर और माँ प्रोफ़ेसर । माता पिता दोनों के ही उच्च शिक्षित होने के कारण घर में आरम्भ से ही पढ़ाई का माहौल था । वैदेही व उसके भैया अमित, दोनों ही पढ़ाई में … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-2) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कितना सुखी व समृद्ध बचपन मिला था उसे । पिता लखनऊ में सार्वजनिक निर्माण विभाग में इंजीनियर और माँ प्रोफ़ेसर । माता पिता दोनों के ही उच्च शिक्षित होने के कारण घर में आरम्भ से ही पढ़ाई का माहौल था । वैदेही व उसके भैया अमित, दोनों ही पढ़ाई में … Read more

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