अनकहा बंधन (भाग-1) – श्वेता अगवाल : Moral Stories in Hindi
“मम्मा, मेरी ‘बेड टी’।” रूही लगातार चिल्लाए जा रही थी। “ये ले तेरी ‘बेड टी’। इत्ती बड़ी हो गई लेकिन अक्ल ढेले भर की भी नहीं। अब तुझे मम्मा को सुबह की चाय बनाकर पिलानी चाहिए। उल्टे खुद ही ‘बेड टी’- ‘बेड टी’ चिल्लाए जा रही है।” “क्या दीदी, अब सुबह-सुबह प्रवचन सुनाकर मूड मत … Read more