“धैर्य ” – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

 “महेश बाबू की शादी के 15 साल हो गए और पत्नी सुनीता इन 15 साल में चार बार गर्भवती हुई पर, हर बार उनका गर्भपात हो जाता ।   कितना भी पूजा पाठ और कितनी भी मन्नतें मांगी पर वो कहते हैं ना कि सब कुछ समय से ही निर्धारित होता है समय से पहले किसी … Read more

सुख-दुख है हमारे साथी – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

रितेश जी आपकी मम्मी का ब्रेन डेड हो गया है और बस वेंटिलेटर के सहारे से चल रही है , जैसे ही वेंटिलेटर हटाएंगे सब खत्म हो जाएगा अब कुछ नहीं बचा है इनके शरीर में आप घर ले जाइए डाक्टर बोला। सुनकर रितेश और प्रीतेश दोनों भाइयों को धक्का सा लगा ।प्रितेश बोला भइया … Read more

थाम लो दामन खुशियों का – अनिता गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

दोपहर का काम खत्म करके लेटी ही थी कि कॉल बेल बज उठी।  “ ओहो ! इस समय कौन आ गया ? “ बुदबुदाते हुए दरवाज़ा खोला तो सुखद आश्चर्य से भर उठी । “ अरे कमली तू ! तू तो बिलकुल ही बदल गई है ?” मैंने उसे अन्दर आने की जगह देते हुए … Read more

सुख दुख का संगम – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

माँजी आज कितनी देर तक सो रही हैं आप ,टाइम देखा है ,पिंकी को स्कूल बस पर छोड़ने जाना है आपको ,भूल गई क्या आप? मालती आँखों को मलती हुए हड़बड़ातीं सी उठी,देखा चाय का कप हाथ में लिए सिप करते हुए उनकी बहू रेखा का तीखा स्वर उनके कानों में सुनाई दिया। चाय पीने … Read more

मुझे दादाजी-दादीजी चाहिए-श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“वंश बेटा, कैसी थी बर्थडे पार्टी? खूब मजे किए ना?” “हाँ, मम्मा|” “तो फिर इतने सेड क्यों लग रहे हो?” मनीषा ने अपने बेटे से पूछा| “मम्मा, मेरे दादाजी-दादीजी कहाँ हैं? मुझे भी अपने दादाजी- दादीजी के साथ रहना है| उनके साथ खेलना है| कहानियाँ सुननी है| पार्क जाना है| आज पता है, अंकुर के … Read more

जीवन प्रयाग – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

दिसंबर में रिटायरमेंट है पूनम जी के पति का। हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट हैं वो।सरकारी (कॉलरी)नौकरी में रहते हुए अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अपने परिवार को भी सहारा दिया था उन्होंने।पत्नी,पूनम ईश्वर में अगाध आस्था रखने वाली थीं।पति को शराब पीने की आदत थी।इस व्यसन की वजह से कार्य क्षेत्र और मोहल्ले में काफी … Read more

सुख दुख का संगम – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

 वाह  कैलाश भाईसाहब… बहुत खूब…. इतने समय पहले ही भाभी हम सबको छोड़कर   करके चली गई थी जब शुभी बिटिया ने दुनिया में कदम रखा ही था … फिर भी आपने शुभी  की परवरिश इतने ढंग से की… कि  एक मां क्या करेगी… और आज विदाई के समय आपकी आंखें इतनी नम है… ये … Read more

सुख नहीं रहा तो दुख भी नहीं रहेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…आज कई सालों बाद प्रियंवदा जी ने अपनी पुरानी संदूक खोली थी…  पुराने कपड़े लत्ते… कागज पुर्जों के बीच… एक पीतल का बड़ा कलसा चमक उठा…  अपने कांपते हाथों से कलसे को उठाने की कोशिश करने लगीं… लेकिन वह इतना भारी था कि निकाल नहीं पाईं… फिर उन्होंने उस पर पड़ा ढक्कन हटाया….  उसके भीतर … Read more

आदमी औलाद से हारता है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बारात आ गई…..बारात आ गई….. राधा के कानों में आवाज़ पड़ी, उसने तुरंत पास बैठी सहेली से कहा —- कम्मो, ज़रा झांक के देख तो सही , दुल्हा कैसा है ? और अगर अच्छा न हुआ तो तू क्या मना कर देंगी ब्याह से ? तूने आज तक किसी से नहीं पूछा वो कैसा है … Read more

सुख दुख का संगम – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

क्या बात है मालती बहुत खुश नजर आ रही हो,,? रिया ने पूछा जी मेम साहब आज हमारी शादी की वर्षगांठ है।मालती ने कुछ शर्माते हुए जवाब दिया। ओह तो ये बात है।। कितने साल हो गए रमेश को झेलते झेलते?  रिया ने कुछ अलग अंदाज में पूछा। मालती ने तुरंत जवाब दिया ;’ मेम … Read more

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