सीमा रेखा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi
बेटा… अगर हो सके तो तुम्हारी सैलरी आते ही इस बार सबसे पहले मेरा चश्मा बनवा देना या फिर नया ही दिलवा देना… बड़ी तकलीफ होती है बेटा… चश्मा के बगैर… अशोक जी ने अपनी बेटे नामित से कहा नामित: आपका ना मुझे समझ नहीं आता पापा… हर बार सैलरी आई नहीं उससे पहले … Read more