विंडो सीट – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा ‘  : Moral stories in hindi

गर्मियों की छुट्टियों के समय कन्फर्म सीट मिलना कोई आसान बात न थी । भतीजी की सगाई एकदम से तय हो गयी थी, सो जाना भी जरूरी था । विनय को ऑफिस से छुट्टी न मिल पायी थी। एक-दो दिन में आने का वायदा कर उसने सुरभि को जयपुर से चलने वाली जयपुर – चिन्नेई … Read more

समय हर घाव भर देता है – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

पवन माँ को लाने गाँव पहुँचा यह क्या ? दरवाज़े पर ताला लगा हुआ था ।  उसे आश्चर्य हुआ कि माँ कहाँ चली गई ? उन्होंने ख़बर भी नहीं की है ।  मैं भी अपनी व्यस्तता के चलते माँ को फोन भी नहीं कर सका था। उसने पड़ोसी के घर पर दस्तक दे कर उनसे … Read more

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