एक बेटे का क्या देखा ? – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अम्मा, आज तो सुबह से ही बहू का जी ठीक नहीं….. क्या पता , रात को ही अस्पताल ना जाना पड़ जाए …. आप क्या कह रही थी कि अस्पताल जाने से पहले क्या करना है? मैं कह रही थी कि एक साड़ी और कुछ रुपये गरिमा के हाथ से कुलदेवी का नाम लेकर मंदिर … Read more

वो देहरी… – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

मांँ के पास आए हुए रिती को एक महीना पूरा होने को था और उसकी वापसी का समय भी नजदीक था। अगले ही दिन की ट्रेन थी। स्कूल की छुट्टियांँ खत्म हो गई थी तो अब वापस जाना जरूरी था वरना प्राइवेट स्कूल वाले टीचर को छुट्टी कहांँ देते हैं। रिती अपने पिता के समझाने … Read more

बाबुल का आंगन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“आज तक कौन सा सुख पाया मेरी बेटी ने… अपने बाबुल के घर में… जो उसे यहां की याद आएगी… क्यों आएगी…!” बोलकर रविंद्र जी एक ठंडी आह भरकर बिस्तर पर लेट गए…  पूरे एक साल हो गए थे वसुधा के ब्याह को… मगर इन एक सालों में कभी घूम कर वह बाबुल के आंगन … Read more

ये तेरा घर _ये मेरा घर ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

मां राहुल दस दिनों के लिए काम के सिलसिले मै बाहर जा रहे है तो मैं रहने के लिए आ रही हूं मीनू  की आवाज मैं मायके जाने की अलग ही खुशी थी मां भी ये सुनकर बहुत खुश हुई पर अगले पल ही कुछ सोचने लगी  की मीनू अभी एक महीने पहले ही रहकर … Read more

बाबुल का फ़र्ज़ – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली नयना ने अपने कंधे पर स्कूल बैग डाला और ड्राइंग रूम में सोफ़े पर बैठे हिसाब करते हुए अपने भाई प्रशांत को ‘बाय भइया’ कहकर स्कूल के लिये निकलने लगी तो उसकी माँ सरोजनी बोलीं,” रुक…टिफ़िन तो लेती जा..।    ” कैंटिन में खा लूँगी माँ…।” कहकर वह बाहर निकल गई।तब … Read more

पहेली – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      कमली , कल बहू को जरा आलता तो लगा देना…. वो मायके जाएगी और तू घर जाते-जाते रास्ते में पार्लर वाली को बोलते जाना… अच्छा तू रहने दे , मैं ही फोन कर बुला लूंगी …थोड़ा मेहंदी भी लगा देगी मानसी ने सहायिका कमली से कहा…।      और आकर डाइनिंग टेबल के कुर्सी में बैठ गई … Read more

बाबुल का घर आज भी तुम्हारा है कल भी तुम्हारा रहेगा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

बेटा… तुम्हें यह रिश्ता पसंद है ना..? किसी भी नतीजे पर आने से पहले तुम्हारी रजामंदी जरूरी हैं.. सोहन जी ने अपनी बेटी कविता से कहा कविता:   पापा..! यूं एक दिन में कैसे जान सकती हूं किसी के बारे में..? मेरा मतलब कल ही वे लोग रिश्ता लेकर आए और आज उसके बारे में … Read more

बाबुल का दिल – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

“रंजना ,ओ रंजना! सुनो जरा जल्दी इधर आओ भई।”नरोत्तम जी खुशी से चहकते हुए बोले।  रंजना -“हां हां बोलिए क्या हुआ? बड़े खुश दिख रहे हैं।”  नरोत्तम-“मुंह मीठा करवाओ। गुप्ता जी ने हमारी अनुराधा के लिए बहुत अच्छा रिश्ता बताया है।”  रंजना -“गुप्ता जी? वही जो रिश्ते करवाते हैं?”  नरोत्तम-“हां हां वही”  रंजना -“रिश्ता बताया … Read more

एहसास – भगवती : Moral Stories in Hindi

अंजलि आज बेहद खुश थी। आज वो काफ़ी महीनों बाद अपने मायके जा रही थी। उसका पति राजेश एक प्राईवेट लिमिटेड में काम करता था इसलिए छुट्टी कम ही मिलती थी। जब भी अंजलि राजेश को कुछ दिनों के लिए अपने घर जाने की बात करती वो कहता कि, “ यहां कौन संभालेगा फिर तुम्हारे … Read more

कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नही होता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

बाबुल के अंगना मे नाज़ो पली , उस अंगना से इक दिन चली “ दूर कहीं बजते गाने के ये बोल नंदिनी के कानो मे पड़े तो अनायास ही उसकी आँखों से आंसुओं की धार छूट पड़ी । ” क्या सभी लड़कियां अपने बाबुल के अंगना मे पलती बड़ी होती है ? क्या वही एक … Read more

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