खुशियों के चांँद को ग्रहण – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज जब मैं सोहनलाल जी के घर में घुसी तो सारे घर में रोने की आवाजें गूंँज रहीं थी, लोग दुख प्रकट करने आ रहे थे और कई लोग जा रहे थे ।सोहनलाल जी और शोभा जी का एकलौता पुत्र शाश्वत असमय ही मृत्यु के मुंँह में समा चुका था। … Read more

मुझे महान नहीं बनना – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : 2 दिन से रितु की आंखों से नींद गायब थी! वह बड़ी कशमकश या कहें दुविधा में थी !समझ नहीं आ रहा कि वह क्या निर्णय ले ? जब से उसके पति रवि ने उसे बताया की, मां को दिल का दौरा पड़ा है और उन्हें तुम्हारी जरूरत है! मां … Read more

परवाह और हुक्म में फर्क होता है.. – रोनिता कुंडू : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रात काफी हो गई थी… पर अमन अभी तक ऑफिस से घर नहीं लौटा था… दिव्या बार-बार दरवाजे की ओर देख रही थी… अमन तो आखरी बार फोन पर कहा रहा था कि वह आधे घंटे में घर पहुंच जाएगा… उसके बाद से ना तो उसका फोन ही लग रहा … Read more

ससुराल बेटी का नहीं बहू का घर होता है – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विधि एक सुंदर सुशील सी लड़की थी। पढ़ी लिखी भी काफी थी। मायके, ससुराल दोनों जगह पर वह सबकी दुलारी थी। वह सब को पसंद करती थी। उसे भी सब लोग पसंद करते थे। सिर्फ उसकी ननद गरिमा का हर छोटी-छोटी बात पर रोकना-टोकना उसे कतई पसंद नहीं था। विधि … Read more

खुशियों की चाभी – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मीरा का मन बहुत अशांत था। बचपन और माँ बहुत याद आ रही थी । सुनने वाले बोलेंगे पचपन में बचपन क्यों याद आना..। पर शायद हर इंसान के दिल में एक बच्चा छुपा होता है,जब दिल पर चोट पड़ती तो, उसे अपना बचपन और माँ शिद्दत से याद … Read more

अपराधबोध – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : भाई, तुमने अपने कदम पीछे क्यूँ खींच लिये थे,तुम तो मुझे बचाने चले थे,फिर क्या हुआ?काश मुझे हॉस्पिटल ही पहुँचा देते।मेरे परिवार का क्या होगा?       हड़बड़ा कर रमेश की आँखे खुल गयी।पसीने से तरबतर रमेश असहजता से उठ बैठा।सपने में दिखाई देने वाले व्यक्ति को वह पहचान गया था।उसको डर … Read more

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