कथनी-करनी में अंतर – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” मित्रों….ना जाने कैसा जमाना आ गया है…लोग अपने घर के बुजुर्गों का आदर-सम्मान करना ही भूल गये हैं।जिन्होंने हमें ज़िंदगी दी है…हमें चलना- बोलना सिखाया है..आज वे हमसे सिर्फ़ थोड़ा प्यार चाहते हैं…अगर ये भी हम उन्हें भी न दे सके तो हमें इंसान कहलाने का कोई हक नहीं है।परिवार में इन बुजुर्गों की … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है -सुषमा यादव : Moral stories in hindi

हाय रमवा,ना जाने कैसन जमाना आय गवा।अब बिटिया के घर मा, बाप आके रहियैं।  ( हे राम,”ना जाने कैसा जमाना आ गया है” कि अब बेटी के घर में उसका पिता आकर रहेंगे।)  राशि के ससुर बड़बड़ा रहे थे अपने एक हमउम्र साथी से।  देखा भैया,इनका बेटवा बहू भी उसी शहर में रहता है पर … Read more

किस्मत का खेल- पूजा मिश्रा   : Moral stories in hindi

 आज कुसुम की शादी है ,उसके परिवार रिश्तेदार सब आंखे फाड़े उसकी शादी का स्वागत और दहेज देख रहे थे ,रात दिन काम में लगी रहने वाली कुसुम शादी के जोड़े में बहुत सुंदर लग रही थी ।       मिसेज अग्रवाल  चेयर पर बैठी सब इंतजाम देख रही थी आज उनके मन से कुसुम की सेवा … Read more

वाह री किस्मत – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

शिवांगी ने बेटी से साफ -साफ कह दिया था,कि अब शादी के लिए मन बना लें।नौकरी करते हुए दो साल हो गए थे।ईश्वर की कृपा थी कि वह मान गई। मैट्रिमोनियल पर ढुंढ़ाई शुरू हुई।सजातीय लड़का मिल रहा था ,तो नौकरी अच्छी नहीं थी उसकी।नौकरी अच्छी -खासी थी तो,दिखने में सुपुरुष नहीं। खोज-बीन करते-करते ही … Read more

जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी बस समय को चुराना पड़ेगा – निशा जैन  : Moral stories in hindi

बधाई हो शशि जी अब तो तीनों बच्चों की शादी हो गई,( दो बेटा और एक बेटी) सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई आप। देखते हैं सुलोचना जी जिम्मेदारी से मुक्त हुई हूं या जिम्मेदारी बढ़ेगी समय के साथ… अरे भाग्यवान अब कौनसी जिम्मेदारी बढ़ेगी तुम्हारी? अब तो मेरे साथ चारधाम की यात्रा पर चलो…. … Read more

मुहल्ले की सबसे पुरानी निशानी – डा. इरफाना बेगम  : Moral stories in hindi

हमारे घर की वह बुजुर्ग महिला जिनके चेहरे पर गजब का तेज था झुर्रियों से भरा शरीर होने के बाद भी गजब की फुर्ती थी उनमें । उन्हें हम ही नही हमारे घर के बडे यहां तक कि मां और पिता जी भी दादी ही कहते थे। हमारे परिवार में उनको आये हुये काफी समय … Read more

घूघंट में चांद – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

   राम राम कैसा जमाना आ गया है,ना लाज ना शर्म।छी-किसी से भी शर्म नही।       फ्लैट की बॉलकोनी में बैठे बैठे कमला बड़बड़ा रही थी।उनका  बड़बड़ाना सुन पास में ही बैठी उनकी रिश्ते की बहन बिमला बोली कमला क्या हुआ,क्या हो गया है जमाने को?        री,देख इस पार्क में ये लड़की लड़के के हाथ को पकड़े … Read more

जमाना बदल गया है – अर्चना खंडेलवाल

“तूने सरला की बहू को देखा, कैसे कपड़े पहन रखे हैं, ना जाने कैसा जमाना आ गया है, आजकल की बहूओं को जरा भी शर्म नहीं आती है, बड़े-बुजुर्गों से तो जरा भी परदा नहीं करती है, साड़ी तो पहनना ही छोड़ दिया, सलवार कमीज पर दुपट्टा भी लेना जरूरी नहीं समझती है, और वो … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है –  हेमलता गुप्ता  :Moral stories in hindi

हरे राम.. हरे राम.. हरे राम.. हरे राम.. ऐसा कहते कहते अम्मा जी ने जैसे ही घर में प्रवेश किया सभी समझ गए कि आज अम्मा जी का मूड खराब हो गया है, अभी अच्छी भली  तो पार्क में गई थी सुबह-सुबह घूमने, आधा घंटा ही तो हुआ था और  आ भी  गई और उस … Read more

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