*घर वापसी* – डॉ आरती द्विवेदी : Moral Stories in Hindi

शाम का वक्त था, सूरज अपनी लालिमा के साथ धीरे-धीरे ढल रहा था। गांव के उस पुराने रास्ते पर सन्नाटा पसरा था, जहां से कभी जीवन की हलचल बहा करती थी। उस रास्ते पर एक शख्स, रमेश, अपने कंधे पर बैग लटकाए, थके कदमों से घर की ओर बढ़ रहा था। शहर की चकाचौंध में … Read more

घर_वापसी – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

अवधेश बाबू और निर्मला जी पुत्र उदित के साथ जब घर के द्वार पर पहुंचे तो बहू कनक सर पर पल्लू डाले आरती का थाल लिए उनके स्वागत को मुस्कुराती हुई खड़ी मिली। दोनों की आरती करने के पश्चात कनक ने उनके पांव छूते हुए उन्हें आदर सहित अंदर बुलाकर बिठाया। शीघ्र ही उन दोनों … Read more

क्या समझौते सिर्फ पत्नियां करती है ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या बात है रिया आज ऑफिस आने में देर हो गई तुम्हे ?” रिया की सहेली प्रतीक्षा ने उससे पूछा। ” हां यार बस थोड़ी देर हो गई घर से निकलने में ये शादी नाम की घंटी गले में लटकाई है ना उसके कुछ तो साइड इफेक्ट्स होंगे ही !” रिया गुस्से में बोली। … Read more

बेटा, तूने घर-वापसी में बहुत देर कर दी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बेटा, सब कुछ रख तो लिया, कुछ छूट तो नहीं गया? गीता जी ने भारी मन से पूछा, और अपने आंसू छुपा लिए। हां, मम्मी सब कुछ रख लिया  है, आप फ्रिक मत कीजिए, फिर कोई सामान छूट भी गया तो, बाहर से नया खरीद लूंगा, वैसे भी हमारे शहर में इस शहर से अच्छी … Read more

घर वापसी – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

सुमित और समर बचपन से साथ-साथ बड़े हुए,,पढ़ लिखकर शहर के नामी गिरामी कालेज में लेक्चरार हो गए!  नौकरी मिल जाने पर दोनो ने एक छोटा सा टू बेडरुम का घर किराए पर ले लिया!खाना बनाने और घर की साफ-सफाई के लिए एक नौकरानी रख ली! दोनो दोस्त अपनी नौकरी और घर में मस्त रहते! … Read more

घर वापसी – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

दिव्या पांच वर्ष की थी, जब उसे पता चला था कि उसकी दादी उसको छोड़कर भगवान के पास चली गई है। दादाजी का तो उसे याद ही नहीं था कि कब भगवान के पास चले गए थे? उसकी दादी गांव में रहती थी।जब भी वह दादी से छुट्टियों में मिलने जाती तो उसे ढेर सारा … Read more

संदूक खुलाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

स्वाति ,मैं सुबह से कह रही थी कि  संदूक खोलने की रस्म कर लो …. रह गई  ना रस्म , और  बहू मायके चल पड़ी …. बता , रुकेगी क्या हफ़्ता-दस  दिन? नहीं तो रस्म अभी घर चलकर करवा देती हूँ । कल से पंचक लग रहे हैं, अब तो बहू सोमवार को आएगी । … Read more

घर वापसी – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सीताराम एक छोटी सी कंपनी में नौकरी करते थे। उनकी थोडी सी तनख्वाह से ही उनके तीन बच्चों पत्नी और माँ का पालन पोषण होता था। उनकी भी ख्वाहिश थी कि एक अपना घर हो लेकिन वह एक सपना ही बनकर रह गया था। वे सब एक हजार रुपए देकर किराए के मकान में रहते … Read more

घर का चिराग – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   बाबूजी,एक बार केवल एक बार मुझे स्वीकार कर लो।मैं जिंदगी से हार गया हूं,मुझे सहारा दे दो बाबूजी मुझे अपना लो बाबूजी।कह कर चिराग फूट फूट कर रोने लगा।       निर्विकार भाव मे खड़े आनंद स्वरूप जी अपने बेटे का अंतर्नाद सुन अंदर तक कांप गये।असमंजस में अंदर उमड़े स्नेह प्यार के भावों को प्रकट कर … Read more

घर वापसी – सांची शर्मा : Moral Stories in Hindi

केशव माधव के लिए आज का दिन किसी दिवाली से कम नहीं था क्योंकि आज उनकी मां जानकी की, मौत को हराकर अपने बच्चों के पास घर वापसी जो हुई थी। कितने खुश हैं उनके परिवार में आज सब। अरे हेमा जी क्या बस अपने दोनों लाड़़लो को ही मीठा खिलाओगी, आज तो हम भी … Read more

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