खुशियों के दीप – खुशी : Moral Stories in Hindi

किशन जी एक समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।घर में पत्नी राधा और दो बच्चे नेहा और सौरभ थे।बच्चे पढ़ाई में अच्छे थे। कुल मिलाकर एक प्यारा सा परिवार था।भाई बहन दोनो में भी बड़ा प्यार था समय बीता दोनो बच्चे बड़े होगए और सौरभ बैंक में मैनेजर लग गया   उसी के बैंक में नीलम … Read more

मुन्नी बाई – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      इतना सा गोबर लिपने का कितना लेगी मुन्नी बाई…..?  200 पूरे ₹200 लूंगी ….. क्या ….200 …?    बाप रे ….बस इतना सा गोबर लिपने का 200 ….!     हां मालकिन दिवाली है ना ….साल में एक ही बार तो कमाने का मौका मिलता है ….अभी तो सभी लोग गोबर से जरूर लिपवायेगें… फिर बाद में तो … Read more

खुशियों का दीप – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

भगवान का दिया मेरे पास सब कुछ था | गाड़ी ,घर, बंगला ,एक बहुत प्यार करने वाला पति | सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था | धीरे धीरे महसूस हुआ की हमारी शादी को पांच साल हो गए | हमारे अब तक बच्चे नही थे | जहा कही भी बच्चो को देखती ना चाहते … Read more

एक उसके बिन क्यों है सूनी तेरी दीवाली….. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ आओ ना देखो कितनी अच्छी रंगोली बनाई है… ।” बीस साल की अवन्ति माँ  सरला जी का हाथ पकड़ कर खींचते हुए ले जाने लगी   सुलोचना बेमन से बेटी के साथ रंगोली देखने गई और बिना चेहरे पर कोई भाव लाए बोली,“ अच्छी है।” “ क्या माँ इतनी देर से मेहनत कर रही … Read more

खुशियों वाली दिवाली – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चिपकी रहना बस दोनों बहनें इस फोन पर.. शर्म तो बिल्कुल बची नहीं दोनों में ऐसा लगता है दिवाली या सारे त्यौहार बस मेरे लिए ही आते हैं त्योहार क्या आते हैं मेरा तो काम भी दुगना कर देते हैं, इतनी बड़ी हो गई है जरा भी दया धर्म नहीं है की मां के काम … Read more

अस्तित्व – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

शिवानी और गरिमा दोनो बचपन की पक्की सहेलियां है,किस्मत से उनका विवाह भी एक माह के अंदर  ही एक ही परिवार में हो गया।दोनो सहेलियां रिश्ते में देवरानी जेठानी बन गई।उनके पति चचेरे भाई हैं और दोनो का घर भी पास पास ही है। शिवानी भी अपने घर की बड़ी बहु बनी और उसके एक … Read more

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