मैं और मेरा अस्तित्व – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

मयूरी और साहिल जीवन के ऊस मोड़ पर खडे़ हैं । जहां उनके रिश्ते मे इतनी “कडवाहट” आ चुकी है कि उसे कोई भी प्यार का शरबत मीठा नही कर सकता। मयूरी और साहिल का विवाह आज से 15 साल पहले हुआ था। हर आम वैवाहिक रिश्ते की तरह उनका भी रिश्ता था कभी प्यार, … Read more

* मन का मैल धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  दीपा, कल अपने पड़ौसी वर्मा जी के यहाँ भजन में गई थी । उनके छोटे बेटे की शादी के बाद बहू के आने की खुशी में उन्होंने भजन का कार्यक्रम रखा था। सुलभा जी और उनकी दैवरानी, जिठानी आपस में बहुत प्रेम से बातें कर रही थी, मिलजुल कर सारे काम कर रही थी। भजन … Read more

जीत ना सकी – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

पुराने जमाने में अक्सर ऐसा होता था कि परिवार में बच्चों की संख्या अधिक होती थी, जैसे की 5 -6 भाई बहन या फिर 7- 8 भाई बहन आपस में होते थे। और कई बार ऐसा भी होता था कि सबसे बड़े भाई या बहन के विवाह में सबसे छोटा भाई या बहन गोद वाली … Read more

थोड़ा सा बचा कर रखा है ,ये जो बचपन!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

बहू रानी,ये जो तुमने बालों को उठा कर सिर  पर जूड़े जैसा ( कहना तो चाहा था घोंसले जैसा) बांध लिया है ना ये कुछ अच्छा नहीं लग रहा है मुझे… आज ही  सारे नेगचार पूरे हुए हैं.. कोई आएगा तो क्या कहेगा? सोनल ( मालती जी की बहू) की आज ही नदी पूजन, देवी … Read more

कड़वाहट – तान्या यादव : Moral Stories in Hindi

सिया सांवली सलोनी सी एक अनाथ लड़की जिसे ससुराल वालों ने मनहूस कहकर घर से निकाल दिया। क्योंकि शादी के दिन ही उसके पति की मौत हो गई थी।  सिया रोते-रोते बस में चढ़ गई और जब होश में आई तब तक प्रयागराज पहुंच चुकी थी। सिया की जिंदगी शुरू होने से पहले ही समाप्त … Read more

जीवन का जहर – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 जीवन है अगर तो जहर पीना ही पड़ेगा         मदर इंडिया फ़िल्म का यह गाना कानो में गूंज रहा था,और सरला की जीभ पर तो आज मानो सरस्वती मां विराजित हो गयी थी,बहुत ही कम बोलने वाली सरला को इतना मुखर पहले कभी भी किसी ने नही देखा था।       देखो मैं मानती हूं बुरे समय मे … Read more

जब आंख खुली,तभी सवेरा – बिमला महाजन : Moral Stories in Hindi

घर में प्रवेश करते ही उसका सासू मां से सामना हो गया। “इस समय कहां से ? “उन्होंने जानना चाहा  ” बस, स्टेशनरी की दुकान तक गई थी , कुछ सामान लाना था ।कल ललित की परीक्षा है न? “उसने उत्तर दिया । ” इन कपड़ों में ?  तुम अब इस घर की बहू हो … Read more

बहू के आगमन के बाद ही कड़वाहट क्यों ??? – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अच्छा हुआ , जो वह मनहूस जा रही हैं यहां से !! अगर वह खुद से ना जाती तो शायद थोड़े दिनों में मैं ही उसे इस घर से निकाल देती रोशनी अपनी मां गायत्री जी से बोली !! गायत्री जी बोली – रोशनी यह कैसी बातें कर रही हो तुम , भाभी हैं वह … Read more

कड़वाहट – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज न जाने क्यों मन विगत जिंदगी के पन्ने बार बार पलट रहा है… मैं संगीता पचासवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी हूं… बेटी दामाद बेटा बहु सब अपनी जिंदगी में मस्त और व्यस्त हैं… और मै गुलमोहर की तरह हूं शायद इसी लिए मुझे गुलमोहर और पलाश बहुत पसंद हैं… मेरी ओर रजत की … Read more

कड़वाहट – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

सुधा  कितने वर्षों बाद आज गांव आई थी। बड़े पापा का पचहत्तरवां जन्मदिन  जो था! आखिर बड़े पापा ने ही सारे परिवार को एक सूत्र में बांध रखा था। पूरा परिवार इक्ट्ठा हुआ था। पूरे बयालीस लोगों का परिवार! हर तरफ हंसी ठठे की आवाज़, छोटे छोटे बच्चों को खेलता देखकर सुधा को अपना बचपन … Read more

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