अधूरी खुशी – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अनु का अपराध बस इतना था कि उसने अपने मम्मी-पापा से एक विजातीय लड़के से शादी करने की अनुमति मांगी थी। वह शैलेश से प्यार करने की गल्ती जो कर बैठी थी। किन्तु उसे खुद नहीं पता कब साथ-साथ काम करते दोस्ती प्यार में बदल गई ।दोनों इंजिनीयर थे और एक ही एम एन सी … Read more

समझदारी का उम्र से नाता नहीं – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अरे अभी तो एन० डी० ए० में सिलेक्शन हुआ ही है और शादी! पार्वती! इस लड़के का दिमाग़ तो ठीक है….. पता भी है शादी का मतलब इसको ? बारहवीं पास लड़की है … पापा … मुझे पता है पर मजबूरी है । मैं बस अपने रिज़ल्ट का इंतज़ार कर रहा था….. प्लीज़ समझिए…. कोमल … Read more

खुशी के आंसू… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral Stories in Hindi

आज फिर सुबह से घर में सन्नाटा पसरा हुआ था… राजू मां के कमरे में गया तो मां गठरी बनी कोने में तकिया लगाए पड़ी थी…  पिताजी बगल में कुर्सी पर बैठे खिड़की के पास अखबार देख रहे थे… राजू मां के पास झुक कर मां को थोड़ा हिलाते हुए बोला…” क्या हुआ मां अब … Read more

श्रवण कुमार – शुभ्रा बैनर्जी   : Moral Stories in Hindi

इस बार भी नीरज ने तनख्वाह से गिने चुने पैसे ही मां के हांथ में दिए थे।सरिता जी का कब से मन हो रहा था हरिद्वार जाने का।साल भर पहले ही कहा था अपने पति से”सुनिए जी,अब ज्यादा दिन हाथ-पैर चल नहीं पाएंगे।बुढ़ापा बढ़ जाने से पहले चलो गंगा आरती देख पाएं।यह आस लिए ही … Read more

उसने बात ही ऐसी की , माँ बाप के आंसू निकल आये – शनाया अहम   : Moral Stories in Hindi

इस बार मयंक और नव्या को अचानक आया देख मानवी जी और निलेश जी की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।  माँ पापा, इस बार हम आप दोनों को यहां से हमेशा के लिए ले जाने आये हैं, हमें वहाँ आप दोनों की कमी बहुत खलती है, इस बार हम आप दोनों की एक नहीं … Read more

आपकी बेटी होती तो.. – विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

दिव्या और शिल्पी बचपन की सहेलियाँ थीं।दोनों एक ही स्कूल और एक ही क्लास में पढ़ती थीं।पढ़ाई के साथ-साथ दोनों स्कूल की खेल प्रतियोगिता और संगीत प्रतियोगिता में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं।दिव्या तेज स्वभाव की थी।उसे गलत बात बर्दाश्त नहीं होती थी।विशेषकर उसकी सहेली को कोई कुछ कह दे तो वह उससे झगड़ा … Read more

मैं जल्दी ही लौट कर आऊँगा….. – रश्मि प्रकाश   : Moral Stories in Hindi

 अपने दिलो दिमाग़ से लड़ती कज़री अपने कमरे से एक एक सामान समेट रही थी…. आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहा था….ससुराल वालों के तानों से आहत मन और दिमाग़ में उनके बातों के हथौड़े के चोट से वो पूरी तरह घायल हो चुकी थी…. बेटी की ये हालत देख कर उसके … Read more

*समय चक्र* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  रोशन लाल एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति थे।उनके दो बेटे थे-रमाकांत और सूर्यकांत।सामान्य सी परचून की दुकान से रोशन लाल ने अपने दोनो बेटों की अच्छी परवरिश की और उनकी पढ़ाई लिखाई में कोई कमी न आने दी।दोनो बेटे अपने पिता की मेहनत लगन से अनभिज्ञ तो थे नही,सो पढ़ाई से बचे समय मे पिता … Read more

उसने बात ही ऐसी की मां-बाप की आंखों से आंसू छलक आए – सांची शर्मा : Moral Stories in Hindi

शादी के 8 साल बाद अखिलेश जी और आभा जी के घर एक फूल सी कोमल कन्या का जन्म हुआ। अखिलेश जी तो मानो आसमान में उड़ रहे थे, उनकी खुशी का तो कोई ठिकाना ही ना था। जहां लड़कों के होने पर घर में बधाई गाने किन्नर आया करते थे, अखिलेश जी ने अपनी … Read more

खोटा सिक्का – डॉक्टर संगीता अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

“पंडित जी!ये भी कुछ करेगा अपनी जिंदगी में या नहीं?” विभा ने अपने सबसे छोटे बेटे निकुंज का हाथ दिखलाते हुए अपने फैमिली पंडित जी से पूछा तो वो मुस्करा दिए और बोले… “बड़े दोनो बच्चों जैसा तो नहीं पर आपके दिल के बहुत करीब रहेगा ये ताउम्र..” विभा और रमेश के दोनों बड़े बच्चे … Read more

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