अपनों का साथ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
आज ट्रेन में घर वापसी के लिए बैठी रूपाली की आंखों के सामने भाई की वो आंसुओं से भरी आंखें रूपाली क्या कोई भी बहन भूल नहीं पा रही थी ।और उनके कहे शब्द पता नहीं अब दोबारा कब मिल पाएंगे कानों में गूंज रहे थे। रूपाली और उसके तीनों और बहनें चाहकर भी भाई … Read more