भरोसे ने दिलाई नई पहचान… – संगीता त्रिपाठी
Post View 18,232 “माँ, मेरा रास्ता मत रोको, तुम खुद अपनी पहचान बना नहीं पाई, आज मै अपनी पहचान बनाना चाहती हूँ, तो मेरी उड़ान को पँख दो, उसे रोको नहीं, नहीं तो मै भी आपकी तरह गुमनामी में रह जाऊँगी, बस उसकी बहू, उसकी पत्नी, उसकी माँ, यही मेरी पहचान रह जायेगी “!!पाखी अपनी … Continue reading भरोसे ने दिलाई नई पहचान… – संगीता त्रिपाठी
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