भगवान हमारे भीतर हैं

Post View 173 एक  बार अकबर के दरबार में एक कवि आया. उसने अकबर की शान ए में एक कविता लिखी, ‘अकबर बहुत महान हैं, वह बहुत दयालु हैं’ तो सबने कहा, ‘यह तो बिल्कुल सच बात है!’ उसकी कविता सुन कर लोग उसकी तारीफ करने लगे. तो जब कवि को लगा कि उसकी कविता … Continue reading भगवान हमारे भीतर हैं