बेटियाँ कलंक नहीं होतीं –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Post View 27,481   ” चल हट….बड़ी आई पढ़ाई करने वाली…जा..चौके में जाकर अपनी माँ से खाना पकाना सीख…वही तेरे काम आयेगा..।” दुत्कारते हुए विमला ने सात साल की सुकृति के हाथ से काॅपी छीन लिया तो वह रुआँसी होकर अपनी माँ माधुरी के पास चली गई।          विमला जब इस घर में प्रमोद की पत्नी बनकर … Continue reading बेटियाँ कलंक नहीं होतीं –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi