बेमेल (भाग 23) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi
Post View 515 .विनयधर की अनुपस्थिति में सुलोचना की सास उससे ऐसा बर्ताव करती मानो जन्म-जन्मांतर से उसकी दुश्मन हो। एकदिन अपना कामधाम निपटाकर सुलोचना कमरे में बैठी कपड़े सिल रही थी। विनयधर भी कपड़ो की फेरी लगाने गांव की तरफ निकला हुआ था। तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई। कपड़े को एक किनारे … Continue reading बेमेल (भाग 23) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi
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