बेमेल (भाग 17) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 589 श्यामा जो अबतक बिल्कुल चुप थी, ननद की बातों ने उसके शरीर में मानो आग लगा डाला। “क्यूं जाउंगी इस गांव से?? हाँ!! होते कौन हो तुमसब मुझे इस गांव से निकालने वाले! कहीं के जमींदार हो? जज-कलक्टर हो? हो क्या तुम!! मैं भी देखती हूँ कौन निकालता है मुझे इस गांव … Continue reading बेमेल (भाग 17) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi