बेमेल (भाग 16) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 600 कदम फिर आगे बढ़े। अपने कमरे में हलचल पाकर अभिलाषा ने उधर झांका और वहीं जड़ होकर रह गई। हाथो को अब इतनी शक्ति नहीं बची थी कि थैले का बोझ उठा सके और वे वहीं गिरकर बिखर गए। आंसू खुद ही सैलाब बनकर उमड़ने लगे थे। ऐसे घिनौने दृश्य की कल्पना … Continue reading बेमेल (भाग 16) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi