बेदर्दी कोसी   – गार्गी इवान

Post View 296 शाम की गोधूलि बेला ने ज़मीन और आसमां दोनों को गुलाबी रंग से सराबोर कर दिया था। मोरम की कच्ची सड़क के किनारे, बूढ़े बरगद से पक्षियों के मजलिस की आवाज़ आ रही थी। गले में घंटी लटकाये बकरियों का झुंड, जुगाली करती हुई बढ़ चली थी घर की दिशा में।सावन आ … Continue reading  बेदर्दी कोसी   – गार्गी इवान