बरगद की चुड़ैल – सौम्या मिश्रा जौहरी
Post View 1,200 कोख़ में पाला था उसने और …रात दिन जागी भी थी….सब कहते पगली थी…! जब भी उस बरगद के तिराहे से निकलता था बस उसको गंदे और फटे कपड़ों में विशाल बरगद के नीचे बने मंदिर के बरामदे में पाया। मां के मुख से सुना था , पूजा करती औरतों से कहती … Continue reading बरगद की चुड़ैल – सौम्या मिश्रा जौहरी
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