बनारसिया – खेराज प्रजापत : Moral Stories in Hindi
Post View 515 बरसात की शाम थी,और हल्की हल्की बूंदाबांदी हो रही थी।व्योम अपने फ्लैट वाली बिल्डिंग के सबसे ऊपर छत पर विचलित बैठा था।उसके दिमाग मे उथल पुतल मची हुई थी।दूर से कही गाने की आवाज आ रही रही थी-आज मौसम बड़ा बईमान है,आने वाला कोई तूफान है,ओ आज मौसम,।।।।।।।।।। वाकई व्योम की जिंदगी … Continue reading बनारसिया – खेराज प्रजापत : Moral Stories in Hindi
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