Moral Stories in Hindi : क्या जरूरत हैं ?? इतना सारा खाना बनाने की ?? मम्मी पापा ही तो आ रहे हैं तुम्हारे !! सिर्फ चाय नाश्ता करवा देना , सब गरीबों का ठेका नहीं ले रखा हमने समझी और वे लोग वैसे भी क्या लेकर आ जाते हैं तुम्हारे लिए ?? मंहंगा सामान देने की तो औकात भी नहीं हैं तुम्हारे मायके वालों की मगर सस्ते सामान में भी घटिया क्वालिटी उठा लाते हैं !!
गुस्से में बोली अल्का जी !!
यह सुनते ही निधि की सारी खुशी पल में चकनाचूर हो गई !!
कितनी खुश थी निधि सुबह से जब से उसके पापा का फोन आया था और उन्होने बताया था कि वे निधि के ससुराल के शहर कुछ काम से आए हैं तो थोड़ी देर के लिए निधि से मिलने उसके घर भी आएंगे !!
निधि फोन रखकर झटपट खाने की तैयारी करने गई ही थी कि सास अल्का जी रसोई में आकर बोली बहू इतनी जल्दी किसके लिए खाना बनाने जा रही हो और जब निधि ने अपने मम्मी- पापा के आने की खबर सुनाई तो अल्का जी ने निधि के मायके वालों के लिए ऐसे शब्द कहे कि निधि की सारी खुशी जैसे छु- मंतर हो गई थी !!
थोड़ी देर में अल्का जी अपने कमरे से बाहर आकर बोली मेरी सहेली अरुणा का फोन आया था , वह उसके साथ मार्केट चलने के लिए बहुत जिद कर रही थी इसलिए मैं मार्केट जा रही हुं , तुम्हारे मम्मी पापा आए तो उनको मेरा नमस्ते कह देना बोलकर अल्का जी बाहर चली गई !!
निधि समझ चुकी थी उसकी सास जान बूझकर बाहर जा रही हैं ताकि उन्हें निधि के मम्मी पापा से मिलना ना पडे वैसे भी यह ड्रामा वह पहले भी कर चुकी थी !!
निधि एक मध्यम वर्गीय घर की बेटी थी , निधि और विवान का रिश्ता निधि की बुआ जो कि विवान की चाची होती थी उन्होने करवाया था !! निधि की बुआ तो बस यही चाहती थी कि उनकी भतीजी हमेशा खुश रहें इसलिए उन्होने विवान से निधि का रिश्ता करवाया था , इस रिश्ते से निधि भी बहुत खुश थी मगर वह नहीं जानती थी कि उसे शादी के बाद सास के इतने ताने सुनने मिलेगें !!
थोड़ी ही देर में निधि के पापा मम्मी निधि के घर आ गए !! रास्ते में उन्होने निधि के घर के लिए कुछ फल और मिठाईयां ली थी जो आकर उन्होने निधि को दे दी !!
निधि बोली आप लोग भी ना !! क्या जरूरत थी इन सबकी ??
निधि की मां सुषमा जी बोली अरे बेटी के घर खाली हाथ थोड़ी जाते हैं !! समधन जी कहां हैं वे नजर नहीं आ रही !!
निधि कुछ सुकुचाते हुए बोली !! मां वे उनकी सहेली के साथ बाहर काम से गई हैं , वे जाना तो नहीं चाहती थी मगर उनकी सहेली ने बहुत जिद की थी इसलिए उन्हें जाना पड़ा !!
सुषमा जी बोली कोई बात नहीं बेटा !! हम उनसे फोन पर बात कर लेंगें !!
निधि ने अब तक अपने मम्मी पापा को कभी अपने ससुराल वालों के बारे में कुछ बताया नहीं था !! निधि अपने मम्मी पापा को सब बताकर उन्हें टेंशन नहीं देना चाहती थी !!
निधि के मम्मी पापा तो यही सोचते कि जैसे दामाद जी बहुत अच्छे हैं वैसे ही उनके घरवाले भी उतने ही अच्छे होगें !!
मम्मी पापा के लिए निधि रसोई में से जाकर नाश्ता ले आई !!
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बहू तुम्हारे मायके वाले हैं या मुसीबत (भाग 2)- स्वाति जैंन : Moral Stories in Hindi
आपकी सखी
स्वाति जैंन