बच्चे फूल हैं – कहानी-देवेंद्र कुमार

Post View 433 सुबह का समय। छुट्टी का दिन था। अभी सूरज पूरी तरह उगा नहीं था। सैलानी बाग में सैर कर रहे थे। हल्की हवा बदन पर अच्छी लग रही थी। पेड़-पौधों के पत्ते और टहनियों पर झूलते सुंदर सुगंधित फूल धीरे-धीरे हिल-डुल रहे थे जैसे आपस में बातें कर रहे हों। फूलों की … Continue reading बच्चे फूल हैं – कहानी-देवेंद्र कुमार