तकरार – डाॅ संजु झा : Moral stories in hindi

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कभी-कभी छोटी-सी तकरार भी बहुत  बड़ी हो जाती है।इस तकरार में व्यक्ति का अहं बीच में आ जाता है,जिसका परिणाम परिवार और समाज को भी भुगतना पड़ता है।तकरार से सम्बन्धित कहानी प्रस्तुत है। काफी दिनों के बाद मुझे ननिहाल जाने का मौका मिला।ननिहाल से बच्चों का विशेष लगाव होता है।ननिहाल की एक बात मुझे बहुत … Read more

खोज खबर लेना – डाॅ संजु झा : Moral stories in hindi

बेटी  मीता की करतूत के कारण रमाकांत जी सिर झुकाए  भींगी आँखों से शून्य में निहार रहें हैं।जब दर्द अत्यधिक गहरा होता है,तो आँसू बिना रोएँ,बिना आवाज के ही बहने लगते हैं।आँसू को हाथों से पोंछते हुए रमाकांत जी सोचते हैं कि समाज में किस तरह अपना मुँह दिखाऊँगा?सारी इज्जत, प्रतिष्ठा बेटी के कारण धूल … Read more

खोज खबर लेना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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बेटी  मीता की करतूत के कारण रमाकांत जी सिर झुकाए  भींगी आँखों से शून्य में निहार रहें हैं।जब दर्द अत्यधिक गहरा होता है,तो आँसू बिना रोएँ,बिना आवाज के ही बहने लगते हैं।आँसू को हाथों से पोंछते हुए रमाकांत जी सोचते हैं कि समाज में किस तरह अपना मुँह दिखाऊँगा?सारी इज्जत, प्रतिष्ठा बेटी के कारण धूल … Read more

धिक्कार – डाॅ संजु झा : Moral stories in hindi

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मनुष्य की उन लोलुप इच्छाओं को धिक्कार है,जो दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रहीं हैं।उन इच्छाओं की पूर्ति के लिए  मनुष्य नित नए हथकंडे अपनाते रहता है।इसमें नशे का व्यापार  सर्वाधिक  लाभप्रद है,जिसमें व्यक्ति अनैतिक तरीके से अपना जमीर बेचकर जल्द ही लाखों की कमाई कर लेता है। इस धंधे में व्यक्ति की मानवता पूरी तरह … Read more

दायित्व – डाॅ संजु झा: Moral stories in hindi

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कल विनोद बाबू का अवकाश-ग्रहण बहुत धूमधाम से मनाया गया।चालीस बर्ष की नौकरी के दायित्व से मुक्त हो गए। एक तरफ उनके मन में खुशी है कि चालीस सालों की बैंक की नौकरी में उनके चरित्र पर कोई धब्बा नहीं लगा,दूसरी तरफ खालीपन का गम भी मन में साल रहा है।सोच-विचार करते हुए  विनोद बाबू … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 2)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : मनीष ने उसे अपने और करीब लाते हुए कहा -” निभा!मैं भी तुम्हारे और बच्चों के बिना नहीं रह सकता हूँ,परन्तु इस उम्र में माँ-पिताजी अकेले कैसे रहेंगे?मेरे भाई की अभी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।बहन की भी शादी करनी है।सबसे बड़ी बात बच्चे यहाँ अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर … Read more

जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बाँट सकता! (भाग 1)- डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कभी अपने लिए  कुछ पल की चाहत  रखनेवाली निभा  को आज अकेलेपन ने अपनी बाँहों में कैद कर लिया है।कभी उसका घर सास-ससुर, देवर-ननद ,पति और बच्चों की  हँसी-ठिठोली से गूँज करता था,परन्तु आज वही दीवारें भी उसकी तरह गुमसुम पड़ी हैं।बेटी की शादी हो चुकी है,बेटा काॅलेज गया हुआ  … Read more

पहचान (भाग 2)- डॉ संजु झा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मेरे विरोध करने पर मुझपर हाथ उठा दिया।थप्पड़ की गूँज मेरे शरीर से ज्यादा मेरी अंतरात्मा को बेध रही थी।इच्छा तो हो रही थी कि मैं भी पलटकर उसी तरह झन्नाटेदार थप्पड़ से जबाव दूँ,परन्तु संस्कारों की बेड़ियाँ मुझे जकड़ी हुईं थीं।इतना सब होने के बावजूद पति का रात में … Read more

पहचान (भाग 1)- डॉ संजु झा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मई महीने की ऊमस भरी गर्मी से तन और मन दोनों  में छटपटाहट और बैचैनी भरी हुई थी।।आसमान में सुबह से सूरज बादलों के साथ आंख-मिचौली खेल रहा था।कभी सूरज  बादलों की ओट में जाकर बिल्कुल छुप जाता और कभी अचानक से बादलों की ओट से निकलकर सारी पृथ्वी को … Read more

खानदान ( भाग 4 ) – डॉ संजु झा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : धीरे-धीरे मुझे भी समझ में आने लगा कि मैं घर नहीं बल्कि इसी माहौल के लिए  पैदा हुआ हूँ।इसी कारण ईश्वर ने मुझे अपूर्ण बनाया है।फिर मैं सोचता कि घर पर तुम्हारे सिवा मेरा है ही कौन।मुझे तो घर में और कोई  पसन्द नहीं करता है।सभी की तिरस्कृत नजरें और … Read more

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