और इन्तजार खत्म हुआ – सरोज देवेश्वर : Moral Stories in Hindi
Post View 4,541 आज का दिन भी बीत गया, दिन के उजाले को शाम निगलने लगी थी. कोहरा दिन भर के लिये न जाने कहाँ खो जाता है और सूरज के अस्त होते ही नीड में लौटते पक्षियों की तरह पूरी बस्ती पर लौट आता है. ठंड की वजह से लोग शाम होते ही अपने … Continue reading और इन्तजार खत्म हुआ – सरोज देवेश्वर : Moral Stories in Hindi
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