आत्मसम्मान”….. की मौत – विनोद सिन्हा “सुदामा”
Post View 328 जाने क्यूँ उसकी मौत पर मन उदास सा हो गया था मेरा दिल बड़ा भारी भारी सा लग रहा था.. …… जबकि मुझे ज्ञात था..जीवन और मृत्यु विधि का विधान है…शरीर नश्वर है और इसका एक न एक दिन नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाना शाश्वत है..क्योंकि प्रकृति सतत यौवन चाहती है. … Continue reading आत्मसम्मान”….. की मौत – विनोद सिन्हा “सुदामा”
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed