अस्तित्व – संजय मृदुल : Moral stories in hindi

Post View 3,035 मुझे किसी से कोई फर्क नही पड़ता। तुम हो या और कोई, समझे।  जी, मैंने सर झुकाए हुए कहा और अपने शरीर को धकेलते हुए कमरे से बाहर ले आई। पलकें नम हो रही थी और ऐसा लग रहा था चीख चीख कर रोऊँ। उनके ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया, … Continue reading अस्तित्व – संजय मृदुल : Moral stories in hindi