अपनों का दर्द – संगीता त्रिपाठी

Post View 865  उनकी आँखों में अथाह दर्द था, आखिर जीवनसंगिनी खो कर जीना आसान नहीं था, वो भी तब जब बच्चे भी विदेश में सेटल हो चुके हो। उमड़ते आँसूओ को रोकने का हुनर सिर्फ स्त्री को ही नहीं आता, बल्कि पुरुष को भी आता है। इस जमघट में कोई नहीं था जो उनके … Continue reading अपनों का दर्द – संगीता त्रिपाठी