“अपमान का बदला कुछ यूँ लिया” – भावना ठाकर ‘भावु’

Post View 326 “मत डरो तम घिरी राहों के अंधेरों से, जब अंधेरा होता है तभी हम सितारों को देख पाते है”  कब कौनसी रात का अंधेरा, एक रोशन सितारा लेकर आएगा कोई नहीं जानता। उम्र के कौनसे पड़ाव में, कौनसी घटना हमारी ज़िंदगी का रुख़ मोड़ देगी कुछ नहीं कह सकते। संभावनाओं से भरी … Continue reading “अपमान का बदला कुछ यूँ लिया” – भावना ठाकर ‘भावु’