Post View 205 दोमंजिला मकान के पास टैक्सी रुकते ही रंजना उस मकान के अन्दर प्रवेश कर गई, फिर वह सीधे अपनी माँ गायत्री के पास पहुंँच गई। उसके पीछे-पीछे उसकी भाभी महिमा भी चली आई। “कमरे में अंधेरा है दिन में भी।” “प्लग में कुछ खराबी आ गई है, मिस्त्री कल बना देगा, मैं … Continue reading *अंतिम मुलाकात*- मुकुन्द लाल
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