अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 44) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
Post View 19,185 जब हैप्पी बर्थडे के शोर ने घर को आवृत्त किया, विनया मनीष के बगल में आकर शर्मीली सी मुस्कान लिए हुए उस विशेष क्षण की ओर देख रही थी। शर्मीली मुस्कान के साथ उसकी आँखों में चमक थी, जो बता रही थी कि यह छोटा सा क्षण उसके लिए कितना महत्वपूर्ण था। … Continue reading अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 44) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
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