अनोखी दोस्ती – निभा राजीव “निर्वी” : Moral stories in hindi

Post View 3,137 सतीश जी इस कार्यालय में वित्तीय विभाग में कार्यरत थे। उस दिन वह कार्यालय से बाहर निकले तो कार्यालय के बगीचे का माली रामप्रसाद आंखों में आंसू लिए बैठा दिखाई दिया। सतीश जी उसके पास पहुंचे और सहानुभूतिपूर्वक उससे पूछा “- क्या हुआ रामप्रसाद ? इतने परेशान क्यों दिखाई दे रहे हो?”.….. … Continue reading अनोखी दोस्ती – निभा राजीव “निर्वी” : Moral stories in hindi