Post View 358 अनुराधा बहुत खुश थी , पर नींद आंखों से कोसों दूर ,मन में उथल-पुथल । उसने थोड़ी देर के लिए आंखें बंद करनी चाहीं ।कि तभी दूसरे कमरे से एक फिल्मी गाने की धुन…सुनाई पड़ी। रोहन अक्सर इसी गाने को गुनगुनाया करता था । ओह ! कितने सालों बाद आज बरबस ही … Continue reading अधूरे ख्वाब – इंदु कोठारी
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