अदृश्य अन्याय – रजनी श्रीवास्तव अनंता

Post View 214   जब से दोनों चाचा शहर जाकर बसें और दोनों बुआ की शादी हो गई, तब के बाद ऐसा पहली बार हुआ था कि बिना किसी तीज-त्योहार के परिवार के सारे लोग गांव में इकट्ठा हुए थे। कोई और दिन होता तो बड़ी अम्मा चहकती हुई सब की आवभगत में लगी होतीं।  … Continue reading अदृश्य अन्याय – रजनी श्रीवास्तव अनंता