अब स्वाभिमान से जीना है – सुनीता तिवारी

Post View 303 आरती का पोर पोर दुख रहा था। आंसू बहाते बहाते आंखे लाल होकर सूज आयीं थीं। उसने एक नजर सोती हुई डेढ़ वर्षीय बेटी परी पर डाली,जो भूख से बिलख बिलख कर सो गई थी और आंसू गालों पर सूख कर निशान छोड़ गए थे। कहने को तो वो एक प्रोफेसर की … Continue reading अब स्वाभिमान से जीना है – सुनीता तिवारी