आत्मसम्मान – निभा राजीव “निर्वी”
Post View 9,820 ऋषि दवाइयों की दुकान पर सर दर्द की दवा लेने पहुंचा। वहाँ पहले से ही एक छरहरी सी सुंदर युवती खड़ी थी। ऋषि ने जब दवा का नाम कहा तो केमिस्ट ने कहा- “सॉरी सर, उस दवा की तो हमारे पास एक ही पत्ती थी, जो मैंने इन मैडम को दे दी … Continue reading आत्मसम्मान – निभा राजीव “निर्वी”
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