आखिरी फैसला – एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi
Post View 2,249 “अगर जाना है तो तू कहीं चला जा…नेहा कहीं नहीं जाएगी”…। “मगर माँ…..मैं कहांँ जाऊँगा…. ये मेरा घर है” ..। “तो नेहा भी क्यों कहीं जाएगी..बहू है वह इस घर की..ये घर उसका भी है”…। “मगर मैं इसके साथ नहीं रह सकता”… । “इसीलिए तो कह रही हूँ तू कहीं और अपना … Continue reading आखिरी फैसला – एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi
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