Moral stories in hindi : आज शोभा के देवर की शादी है आज शोभा खुश है की अब उसकी जिम्मेदारी बंट जायेगी वो भी अपने बारे मैं सोच पाएगी
शोभा की शादी पांच साल पहले रतन से हुई थी घर मैं सास ,ससुर,देवर और एक ननद है आते ही शोभा के कंधो पर बड़ी बहू की जिम्मेदारी सौंप दी गई हर काम बड़ी बहु की जिम्मेदारी बस आराम को छोड़ कर ।
शोभा ने भी ससुराल को अपना परिवार मान खुशी खुशी जिम्मेदारी उठा ली देवर और ननद अभी पढ़ रहे थे ।
इसी बीच शोभा एक बेटी की मां बन गई तो जिम्मेदारी और बढ़ गई सास जब उसे बड़ी बहु कहती तो उसे अच्छा लगता था की उसे बड़े होने का मान मिल रहा है ।देवर ननद भी हक से अपना काम करवाते प्यारी भाभी जो थी शोभा पर अभी तक शोभा को इस बात का मलाल नही खुशी थी की सब उसे कितना प्यार देते है।
देवर की शादी के बाद अच्छी नौकरी लग गई और अब उसके लिए लड़की देखी जा रही थी शोभा खुश थी की उसे बड़े होने का मान मिलेगा और जिम्मेदारी आधी हो जायेगी ।
और एक लड़की पसंद आ गई और रिश्ता पक्का हो गया शोभा बड़े उत्साह से सारे काम कर रही थी ।
देवरानी मंजू बहू बन कर आ गई और वो छोटी बहू बन गई धीरे धीरे दो महीने गुजर गए शोभा को लगा अब मांजी कहेंगी की जिम्मेदारी अब छोटी बहु उठाएगी लेकिन मांजी हर बात मैं यही कहती शोभा तुम देख लेना वो अभी छोटी है तुम तो सब जानती हो।
शोभा ने मन मै सोचा की जब मैं शादी हो कर आई थी तो मंजू से भी कम उम्र थी और उसके साथ तो मैं भी हूं पर बोल नही पाई की धीरे धीरे ठीक हो जाएगा।
मंजू थोड़ा बहुत काम करती और अपने कमरे मै आराम करती शोभा मन मसोस कर रह जाती वो नही चाहती की घर मैं झगड़े हो अब उसे बड़ी बहू का मान चुभने लगा था।
धीरे धीरे एक साल बीत गया।
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आज बुआ सास ने ननद रचना के लिए अच्छा रिश्ता बताया था रचना अभी शादी करना नही चाहती थी पर परिवार अच्छा था तो मां के समझाने पर वो मिलने के लिए राजी हो गई ।
लड़के के परिवार से पांच सात लोग आने वाले थे
मांजी बोली बड़ी बहु खाना तुम ही बनाना देखना कोई कमी नही रह जाए तुम बड़ी हो ये जिम्मेदारी तुम्हारी है और मंजू तुम अच्छे से तैयार हो कर रचना के साथ रहना ।
आज शोभा ने बात करने की ठान ही ली थी उसने कहा मांजी बड़ी बहू बस जिम्मेदारी की अधिकारी होती है छोटी कब तक छोटी रहेगी मैं भी शादी हो कर आई थी तब इसकी उम्र की थी मैने सोचा एक से दो हो जायेंगे तो जिम्मेदारी आधी आधी हो जायेगी पर आपको कभी ये दिखता ही नहीं है ..अब से हर काम की जिम्मेदारी दोनों की होगी काम खत्म कर के मुझे भी तैयार होना है आखिर मैं भी बड़ी बहु हूं इस घर की।
सास और मंजू मुंह देखने लगी एक दूसरे का और दोनों हाथ बंटाने लगी आज शोभा के दिल का बोझ उतर गया जो बड़ी बहू की जिम्मेदारी उठाने का था।
स्वरचित
अंजना ठाकुर
#घर-आंगन