मतलबी दोस्ती! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

New Project 2

सीमा का ध्यान आज ना जाने कहाँ है कि दूध उबलते उबलते बचा। गैस बंद कर हाथ में चाय का कप लेकर तुलसी जी के पौधे की मिट्टी को देखकर वह रुक गई। अपने आप से बोली मिट्टी ऊपर नीचे कर दूँ तभी नहाने जाऊँगी। चाय का कप रख कर मिट्टी को ऊपर नीचे कर … Read more

मतलबी खोखले रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral stories in hindi

New Project 47

निर्मल और पत्नी महिमा में आज फिर किसी बात को लेकर नोंक झोंक हो रही थी। और वह पत्नी पर बुरी तरह बिफर रहा था जो मुँह में आता बिना सोचे-समझे बोले चला जा रहा था और अन्त में उसका तय वाक्य एक  मिनिट में बाहर का रास्ता दिखा दूंगा, जब बेघर हो जाओगी तब … Read more

गलतफहमी और सिमटते रिश्ते – पूजा शर्मा  : Moral stories in hindi

New Project 6

एक ही शहर में घर होने के बावजूद एक दूसरे की परछाई कहे जाने वाले दोनों भाई मोहन और बलदेव के बीच कितनी दूरी आ गई थी। सच भी है दिलो में दूरी आ जाने पर खून के रिश्ते भी दूर के ही लगते हैं।   दोनों भाइयों का खुलकर तो किसी बात पर विवाद ,ही … Read more

भतेरी…. – मंजू तिवारी : Moral stories in hindi

New Project 80

हां राम भतेरी यही नाम है। मेरा… बड़ा अटपटा सा… कोई मुझे भतेरी कहकर बुलाता तो कहीं मेरे सम्मान में राम आगे लगाकर राम भतेरी कहकर बुलाता…. मेरे इस नाम की कहानी बहुत पुरानी है। ज़्यादातर हरियाणा के कई गांव में आपको मेरे नाम की कई स्त्रियां मिल जाएगी कई स्त्रियां तो इसी नाम के … Read more

भ्रूण परीक्षण! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

New Project 87

“कोई फोन आया अजय का?” घर में प्रवेश करते हुए माँ  ने रीति से पूछा। “नहीं माँ और आएगा भी नहीं। आप समझती क्यों नहीं हैं?” रीति ने कहा। माँ ने सिर हिलाते हुए कहा,”बेटा, मैं सब समझती हूँ पर परिधि की माँ का आज फोन आया था। कह रही थीं कि रीति काफी दिनों … Read more

मौसमी रिश्ते का हसीन हमसफ़र – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

New Project 88

मौसमी रिश्ते मौसम के जैसे होते हैं,, स्वार्थी, मतलबी,मजबूरी,या क्षणिक आवेश में,या किसी के प्रति आकर्षित होकर बनाये गये रिश्ते। ये खोखले होते हैं,, इनमें स्थायित्व नहीं होता,, जैसे,मौसम बदलते रहते हैं, वैसे ही ये रिश्ते भी बदलते रहते हैं,, ये प्रेम में ही नहीं,वरन, किसी भी रिश्ते में हो सकते हैं, परिवार, रिश्तेदारी में, … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

वह उन्हें देखते हुए मुस्कराते हुए कहती है, “क्या हो गया, सबके हाथ रुक क्यों गए। हाँ, रसोई के साथ-साथ जीवन को भी नमक मिर्च के सही अनुपात के साथ बनाना काफी महत्वपूर्ण होता है। जीवन में सामाजिक, आर्थिक और नैतिक पहलुओं को सही रूप से संतुलित रखा जाना चाहिए, क्यों नवीन गलत कह रहे … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“देख सुरेंद्र समय ने करवट ले ली है। हमारा छोड़, अब तो तेरा वाला समय भी नहीं रहा। अब बच्चों की रजामंदी से ही उनके जीवन का निर्णय लेना उचित है।” सुरेंद्र जो कि दो दिन बाद ही गाँव आता है.. उससे सुचित्रा कह रही थी।  “अम्मा अपनी बिरादरी की लड़की होती तो कोई दिक्कत … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग 3) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“दिल्ली प्रोद्योगिकी संस्थान… मेरे ख्वाबों की ताबीर, जिसके लिए मैंने दिन-रात एक करके मेहनत की थी और जहाॅं मुझे पहुँचाने आप सब चले थे। तब मैंने सोचा नहीं था कि वहाँ कोई ऐसी मिल जाएगी जो मेरे दिल दिमाग, मेरी जिन्दगी के दरवाजे पर बिन दस्तक दिए दाखिल हो जाएगी। आप तो जानती ही हैं, … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग 2) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“अम्मा कल हमलोग शहर जा रहे हैं। नीतू की कक्षाएँ परसों से शुरू होने वाली है।” नवीन की माँ आशा चाय देती हुई कहती है।  “अच्छा, खूब मन लगाकर पढ़ बचिया। पढ़ लिख जाएगी तो जिंदगी बन जाएगी।” सुचित्रा जी चाय के घूंट के साथ कहती हैं।  तुम्हारे ही पढाई पढ़ाई की जिद्द के कारण … Read more

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