कर्मो का चक्र तो चलता ही रहता है। – लक्ष्मी त्यागी
शहर के भीड़ -भाड़ वाले इलाके में, एक नुक्क़ड पर ”राधेश्याम ” चाय वाले की दुकान थी। देखने में, वह साधारण सी दुकान थी। दुकान के शीर्ष पर एक पुराने बोर्ड पर ,लिखा हुआ था-” राधे श्याम चायवाला ” कहने को वह चाय वाला ही था लेकिन सुबह से शाम तक, उसको एक पल के … Read more