कर्मो का चक्र तो चलता ही रहता है। – लक्ष्मी त्यागी

शहर के भीड़ -भाड़ वाले इलाके में, एक नुक्क़ड पर ”राधेश्याम ” चाय वाले की दुकान थी। देखने में, वह साधारण सी दुकान थी। दुकान के शीर्ष पर एक पुराने बोर्ड पर ,लिखा हुआ था-” राधे श्याम चायवाला ” कहने को वह चाय वाला ही था लेकिन सुबह से शाम तक, उसको एक पल के … Read more

कुछ तो लोग कहेंगे – कुमुद मोहन

“मम्मी!आप शीना की बातों पर उदास मत हुआ करें,उसका तो काम ही है कहना ,उसे तो अपनी जुबान पर कंट्रोल ही नहीं है”!विकास ने मां उषा को समझाया! उषा के पति मनोज के गुजर जाने के बाद उनका बेटा विकास उन्हें अपने साथ लंदन ले आया था। बहू शीना को अपने और विकास के बीच … Read more

कर्मों का आईना – ज्योति आहूजा

निधि बचपन से ही अलग स्वभाव की थी। घर में सब सहज थे, पर उसे बहुत-सी बातें खटकतीं। पापा खाना खाकर इतनी जोर से डकार लेते कि पूरा घर गूंज जाता, दादी खर्राटों से रात भर जगातीं, और उसका भाई तो जैसे छींक का कारखाना ही था। न जाने कैसी एलर्जी थी कि हर थोड़ी … Read more

खुद से चीटिंग – रीतू गुप्ता

रूही रात के 2 बज गए है, तुम अभी तक जग रहीं हो।  हां, मम्मा वो पढ़ाई कर रहीं थी, कल असाइनमेंट देनी है ना। बेटा मोबाईल हाथ में  लेकर कैसे पढ़ाई हो रही है।  मम्मा, सारे नोटिस फोन में ही है।  बेटा पक्का ना।  हां मम्मा।  कुछ चाहिए…बेटा…टी कॉफी।  नहीं मम्मा । ओके बेटा, … Read more

आखों में धूल झोंकना – डोली पाठक 

मशीन की गड़गड़ाहट के बीच एक मरियल सी आवाज सुन कर प्रताप ने जब नजरें उठा कर देखा तो सामने एक दुबला-पतला सा कोई बाईस तेईस साल का लड़का खड़ा था… प्रताप ने मशीन बंद किया और उस लड़के की तरफ मुखातिब होकर बोला – हां बोलो क्या चाहिए???  जी मेरा नाम लखन है आपने … Read more

प्यार का घरौंदा – बीना शुक्ला अवस्थी

” सर्वज्ञ, मैं कैसे दीदी को अकेला छोड़कर तुमसे शादी कर लूॅ? मेरी दीदी ने मुझे मॉ से अधिक प्यार और ममता दी है,  मैं ही उनकी जिन्दगी हूॅ।” ” तुम ही बताओ, मैं क्या करूॅ? शादी बाद दीदी हम लोगों के साथ भी तो रह सकती हैं। वह तो सचमुच बहुत अच्छी हैं लेकिन … Read more

जैसा करोगे वैसा ही तो फल मिलेगा – हेमलता गुप्ता

क्या बात है भाभी… बड़ी मुरझाई मुरझाई लग रही हो बेटे की शादी के बाद तो चेहरे की रौनक ही उड़ गई लगता है बहु रानी गरम-गरम रोटियां नहीं दे रही.? रिश्तेदारी की शादी में आई अपनी बड़ी ननद मधु की बात सुनकर सुशीला बोली….. अरे काहे की गरम-गरम रोटी.. यहां तो अगर एक कप … Read more

लोगों का काम है – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 58 वर्षीय विधुर भाई प्रकाश की बातें सुनकर सभी हैरान और गुस्से में थे। उसका अपनी दूसरी शादी के बारे में सोचना सभी को नागवार गुजरा। बड़े भाई नवीन ने कहा-” यह भी कोई उम्र है विवाह की, चार-पांच साल बाद बेटे का विवाह करके बहू ले आना, दो बेटियों का विवाह कर चुके हो, … Read more

कुछ तो लोग कहेंगे – सीमा सिंघी

अरे बहू ये क्या कर रही हो?? तुमने तो विवाह के चार दिन बाद ही साड़ी छोड़कर सलवार कमीज अपने बदन पर डाल लिया है। अब तुम्हें ये याद रखना होगा,तुम अपने मायके में नहीं ससुराल में हो। न जाने आजकल की लड़कियों को क्या हो गया है। जो तनिक भी नहीं सोचती है।  अरे … Read more

सेवा को मेवा – विमला गुगलानी

   विनायक और राजवंत दो भाई और एक बहन दंमयंती।शहर के पास बसा एक  गांव जो कि अब बड़े कस्बे में परिवर्तित हो चुका था जहां पर इस परिवार का बसेरा था। हरिप्रसाद जी की यहां पर बहुत पुरानी बर्तनों की दुकान जहां पर किसी जमानें में पीतल, कांसे, लोहे , भरत के बर्तन मिलते थे, … Read more

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