लाल गुलाब – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

फरवरी महीना उफ्फ यादों की डायरी में मुरझाया सा सूखा सा वो लाल गुलाब न जाने क्यों सुर्ख अधखिला गुलाब बन मेरी आंखों के सामने झूमने लगता है… और दिल फिर वही अठारह साल की अल्हड़ नव यौवना सा चहक उठता है…                     स्कूल से निकल कर कॉलेज की दहलीज पर पहला दिन पहला कदम थोड़ा … Read more

“नया रिश्ता” – कुमुद चतुर्वेदी : Moral stories in hindi

  अस्ताचलगामी सूर्य की ओर मुँह किये एक आदमी समुद्र के किनारे दोंनों हाथ ऊपर को  उठाये खड़ा था मानो ताजी हवा ले रहा हो… तभी अचानक वह पानी में कूद गया और डूबने लगा। कुछ लोग जो तैरना जानते थे एकदम से  पानी में कूद पड़े और थोड़ी देर में ही उस व्यक्ति को कंधे … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है -सुषमा यादव : Moral stories in hindi

हाय रमवा,ना जाने कैसन जमाना आय गवा।अब बिटिया के घर मा, बाप आके रहियैं।  ( हे राम,”ना जाने कैसा जमाना आ गया है” कि अब बेटी के घर में उसका पिता आकर रहेंगे।)  राशि के ससुर बड़बड़ा रहे थे अपने एक हमउम्र साथी से।  देखा भैया,इनका बेटवा बहू भी उसी शहर में रहता है पर … Read more

किस्मत का खेल- आरती झा आद्या   : Moral stories in hindi

इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि कभी एक जोड़ी कपड़े में मायके से विदा की गई संविदा आज दुल्हन की तरह सजी दर्पण के सामने बैठी थी। संविदा की ऑंखें अपने पहने हुए लहंगे पर हाथ फेरती तरल हो गई थी। आज उसकी पंद्रहवीं वैवाहिक वर्षगांठ था, जिसके लिए उसके सास ससुर और दोनों … Read more

बारिश का इश्क (भाग – 9 ) – आरती झा आद्या: Moral stories in hindi

“चल कुछ लेकर आया जाए।” ये कहते हुए संगीता की नजर उस पर पड़ी।  “मजनूं बैठा है तेरी बगल में।” कुछ जोर से संगीता ने कहा।  “क्या कह रही है तू?” मैंने आँखें तरेरी। “तुम यहाँ कैसे?” संगीता ने उससे पूछा और मैंने मुस्कान बिखेरी।  “जैसे तुम दोनों यहाँ, सिनेमा देखने।” उसने भी उसी तरह … Read more

किस्मत का खेल- पूजा मिश्रा   : Moral stories in hindi

 आज कुसुम की शादी है ,उसके परिवार रिश्तेदार सब आंखे फाड़े उसकी शादी का स्वागत और दहेज देख रहे थे ,रात दिन काम में लगी रहने वाली कुसुम शादी के जोड़े में बहुत सुंदर लग रही थी ।       मिसेज अग्रवाल  चेयर पर बैठी सब इंतजाम देख रही थी आज उनके मन से कुसुम की सेवा … Read more

वाह री किस्मत – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

शिवांगी ने बेटी से साफ -साफ कह दिया था,कि अब शादी के लिए मन बना लें।नौकरी करते हुए दो साल हो गए थे।ईश्वर की कृपा थी कि वह मान गई। मैट्रिमोनियल पर ढुंढ़ाई शुरू हुई।सजातीय लड़का मिल रहा था ,तो नौकरी अच्छी नहीं थी उसकी।नौकरी अच्छी -खासी थी तो,दिखने में सुपुरुष नहीं। खोज-बीन करते-करते ही … Read more

जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी बस समय को चुराना पड़ेगा – निशा जैन  : Moral stories in hindi

बधाई हो शशि जी अब तो तीनों बच्चों की शादी हो गई,( दो बेटा और एक बेटी) सारी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई आप। देखते हैं सुलोचना जी जिम्मेदारी से मुक्त हुई हूं या जिम्मेदारी बढ़ेगी समय के साथ… अरे भाग्यवान अब कौनसी जिम्मेदारी बढ़ेगी तुम्हारी? अब तो मेरे साथ चारधाम की यात्रा पर चलो…. … Read more

मुहल्ले की सबसे पुरानी निशानी – डा. इरफाना बेगम  : Moral stories in hindi

हमारे घर की वह बुजुर्ग महिला जिनके चेहरे पर गजब का तेज था झुर्रियों से भरा शरीर होने के बाद भी गजब की फुर्ती थी उनमें । उन्हें हम ही नही हमारे घर के बडे यहां तक कि मां और पिता जी भी दादी ही कहते थे। हमारे परिवार में उनको आये हुये काफी समय … Read more

घूघंट में चांद – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

   राम राम कैसा जमाना आ गया है,ना लाज ना शर्म।छी-किसी से भी शर्म नही।       फ्लैट की बॉलकोनी में बैठे बैठे कमला बड़बड़ा रही थी।उनका  बड़बड़ाना सुन पास में ही बैठी उनकी रिश्ते की बहन बिमला बोली कमला क्या हुआ,क्या हो गया है जमाने को?        री,देख इस पार्क में ये लड़की लड़के के हाथ को पकड़े … Read more

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