जीवन का आनंद – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
सुनसान सड़क पर रजनी अकेली तेज-तेज कदमों से चली जा रही थी।आज दिन की घटना रह-रहकर उसके कोमल हृदय पर चोट कर रही थी।अब वो किसके लिये जिये..उसका मर जाना ही अच्छा है..हे भगवान! कोई नदी मिले तो मैं उसमें समा जाऊँ..कोई गाड़ी ही आकर मुझे अपनी चपेट…तभी तेजी-से आती एक कार से टकराकर वह … Read more