नासूर – डा. मधु आंधीवाल

प्रखर एक अच्छे घर का इकलौता  लड़का था । अभी तो बचपन से निकल कर किशोरावस्था में कदम रखे थे । मोहल्ले का माहौल सही नहीं था । मां पापा भी उसे हमेशा समझाते कि बेटा दोस्ती अच्छी होनी चाहिए । मोहल्ले के इन बिगड़ैल बच्चों से थोड़ी दूरी बना कर रखा करो । घर … Read more

आत्मा के जख्म – अनुपमा

माला अपने मां बाप को बचपन में ही खो चुकी थी , मामा मामी ने उसे बड़ा किया ,मामी ने एक पल के लिए भी माला को भूलने नही दिया की वो अनाथ है और उन पर बोझ है , हर पल ,हर बात मैं , अकेले मैं ,आने जाने वाले लोगो के बीच कोई … Read more

मृगतृष्णा – सीमा बी. #लघुकथा

आज भी मुझे याद है,जब मेरे लिए अविनाश का रिश्ता आया था।अपनी अपनी माता पिता की एकलौती संतान हैं। पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद  वो एक पढी- लिखी घरेलू लड़की से शादी करने को इच्छुक थे। इतना अच्छा रिश्ता सामने से आया तो ना करने की कोई वजह नहीं थी। छह महीने के छोटे … Read more

डाइनिंग टेबल – कंचन श्रीवास्तव

डाइनिंग टेबल पर एक साथ खाना खाने के लिए बैठे सबको  देख रेखा की आंखें झलक आई जिसे सिर्फ सामने बैठे सुनील ने देखा। पर चुप रहे क्योंकि बात सिर्फ उसके और उसके पत्नी के बीच की थी इसलिए सबके जाने और उसके बेड पर आने का इंतजार किया। आते ही एक नज़र उस पर … Read more

बेटी – रूद्र प्रकाश मिश्रा

 ” इस बार भी बेटी ही हुई ” । ये तीसरी बेटी हुई थी इस घर में और उसके होते ही ये एक पंक्ति पता नहीं कितनों के मुँह से निकली होगी । क्या मर्द , और क्या औरत , सभी बस इसी एक वाक्य को दुहरा रहे थे । पता नहीं , पोते का … Read more

आदर – सुनीता मिश्रा

ट्रेन  से उतर मै और दादी ने गाँव की बस पकड़ी।बस भी गाँव के अंदर तक कहाँ जाती थी।सरकारी योजना के तहत बनी पक्की सड़क ने हम दोनो को करीब गाँव से छ किलोमीटर की दूरी पर उतार दिया। सड़क के किनारे बिसना बैल गाड़ी लिये खड़ा हुआ था।दादी के उसने पैर छुए। बिसना दादी … Read more

  अब नहीं – विभा गुप्ता

  ” माँ , इस बार तुम्हारी बेटी शहर ही नहीं पूरे जिले में अव्वल आई है।आज स्कूल के फंक्शन में मुझे ‘सर्वश्रेष्ठ’ का पुरस्कार दिया जायेगा और तुम्हें ज़रूर आना है।” मिनी ने माँ को अपना रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा और स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी।              रिपोर्ट कार्ड देखते ही माँ की … Read more

और तूफान थम गया – नीरजा कृष्णा #लघुकथा

उनके घर में आज बहुत खुशी का माहौल था। उनके छोटे भाई आमोद का विवाह था। माता पिता की अकाल मृत्यु के पश्चात वो और उनके सह्रदय पति विशाल जी ने छोटे से आमोद को गले से लगा लिया था…अब वोही दोनों उसके माँ बाप बन गए थे….उन्होनें उसे दिल से अपनाया था। उसके प्रति … Read more

भीगे बादाम – पिंकी नारंग #लघुकथा

बादाम छीलते हुए रीता ने दो बादाम चुपके से अपने मुँह मे रख लिए |जब वो पति राधे को दुध के साथ बादाम देने गई तो बादाम देखते ही अम्मा जी बिफर पडी |बादाम तो मैने पूरे भिगोए थे फिर लला को कम कयो दे रही हो |रीता की काटो तो खून नही वाली हालत … Read more

ईमान – उषा गुप्ता #लघुकथा

“भैया,रिक्शा जरा जल्दी चलाओ ना !” मिसेज गोस्वामी उतावली हो रही थी अपने बेटे और पोते को देखने के लिए। ” अरे भागवान ,रिक्शा ही तो है हवाई जहाज नहीं …बस पहुंचने ही वाले हैं।” मिस्टर गोस्वामी ने दिलासा देते हुए कहा। जैसे ही रिक्शा बड़ी सी कोठी के गेट पर रुका ,दोनों ने फटाफट … Read more

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